

नई दिल्ली (EXClUSIVE): सरकार ने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानून को सहमति दे दी है, जो 1 जुलाई से लागू होंगे।
बता दें कि ये तीन नए आपराधिक कानून हैं- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, जो देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदल देंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी तीन समान अधिसूचनाओं के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान 1 जुलाई से लागू होंगे। भारतीय नागरिक संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद द्वारा पारित किया गया था।
पिछले साल 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद इन्हें कानून बना दिया गया। वे भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 और आईपीसी की जगह लेंगे। तीन नए कानून आतंकवाद, लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए दंड को और अधिक सख्त बना देंगे।
भारतीय न्याय संहिता में जहां 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, वहीं आईपीसी में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है। 33 अपराधों में कारावास की सज़ा बढ़ा दी गई है। 83 प्रावधानों में जुर्माने की सज़ा को बढ़ाया गया है, जबकि 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सज़ा का प्रावधान किया गया है और छह अपराधों में ‘सामुदायिक सेवा’ की सज़ा का प्रावधान किया गया है।