

वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में रखे गैस-चूल्हे से लेकर हर एक चीज में एनर्जी होती है जिससे घर का माहौल पॉजिटिव रहता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में रंग बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा से लेकर धन-धान्य में भी अहम भूमिका निभाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि वास्तु के अनुसार, किचन की दीवारों पर किस तरह के रंग करवाने चाहिए और किस तरह के नहीं…
गुलाबी
वास्तु के अनुसार, गुलाबी रंग को प्यार और भक्ति से जोड़ा जाता है लेकिन इसे रसोई में करवाने से आपकी खाना पकाने में रुचि कम हो सकती है और आप सुस्त हो सकते हैं।
ग्रे रंग
ग्रे रंग वास्तु में यह उदासीनता को दर्शाता है। साथ ही यह रंग रसोई में खाना पकाने और आवश्यक ऊर्जा को कम कर सकता है इसलिए किचन में ये रंग ना करवाएं।
सफेद
वास्तु के अनुसार पूरी तरह सफेद रंग रसोई को ठंडा, गर्मी और ऊर्जा से रहित वातावरण प्रदान कर सकता है। अगर आप सफेद रंग करवाना चाहते हैं तो इसे हरे या पीले रंगों के साथ मिला सकते हैं।
भूरा और लाल
वास्तु के अनुसार, किचन में इस रंग को करवाने से विकास और धन में बाधा आ सकती है। इसके अलावा रसोई में लाल रंग भी नहीं करवाना चाहिए क्यों यह क्रोध को बढ़ा सकता है।
डार्क कलर करवाने से बचें
इसके अलावा कभी भी डार्क कलर्स जैसे ब्लैक, स्लेटी, वॉयलेट, डार्क ग्रीन कलर ना करवाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर की सुख-शांति भंग हो जाती है।
किचन में करवाएं ये रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन में हमेशा हल्का हरा, ऑरेंज, पीला रंग करवाना चाहिए। कहते हैं किचन में लाइट कर्लस का इस्तेमाल करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा किचन की ईशान कोण में नीला रंग करवाना शुभ होता है. कहते हैं इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।