

पंजाब में आई फ्लू यानि कंजक्टिवाइटिस का कहर जारी है, जिसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे आ रहे हैं। आई फ्लू को ठीक करने के लिए डॉक्टर्स ज्यादातर एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड आई ड्रॉप्स का यूज कर रहे हैं लेकिन इससे आंखों की रोशनी जाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। यही नहीं, कई लोग फ्लू ठीक होने के बाद आंखें कमजोर होने की शिकायत भी कर रहे हैं। ऐसे में क्या आई फ्लू में एंटीबायोटिक ड्रॉप्स डालनी चाहिए? चलिए जानते हैं कि क्या कहते हैं एक्सपर्ट…
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, आई फ्लू होने पर बहुत से लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक ड्रॉप्स यूज कर रहे हैं, जिसकी वजह से ऐसी समस्याएं हो रही हैं। इसके अलावा एक्सपर्ट ने लोगों से वायरल घरेलू नुस्खों ना अपनाने की भी अपील की है।
क्या एंटीबायोटिक ड्रॉप्स डालना फायदेमंद?
एक्सपर्ट के मुताबिक, वायरल कंजक्टिवाइटिस एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स से ठीक नहीं होता। इसके लिए आर्टिफिशियल टियर आई ड्रॉप्स ही डालने चाहिए। दरअसल, एंटीबायोटिक ड्रॉप्स बैक्टीरियल आई इंफेक्शन के लिए यूज किया जाता है इसलिए ये वायरल इंफेक्शन में असरदार नहीं होते। वहीं, इनका ज्यादा इस्तेमाल आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह लिए आंखों में कोई भी एंटीबायोटिक ड्रॉप न डालें।
आखिर क्या है आई फ्लू का सटीक इलाज?
एक्सपर्ट की मानें तो आई फ्लू इंफेक्शन में लुब्रिकेंट आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा आंखों को कवर करके रखें और किसी तरह की टेबलेट ना खाएं। अगर 3-4 दिन तक आई फ्लू से राहत न मिले तो डॉक्टर तुरंत संपर्क करें और सही इलाज करवाएं।