

नई दिल्ली (Exclusive): भारत में पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ गए हैं। आजकल लोग 20 से 25 साल की उम्र में भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं कि इस साइलेंट किलर बीमारी का कारण क्या है और हार्ट अटैक को कैसे पहचाना जा सकता है…
दिल का दौरा का कारण
दिल का दौरा पड़ने का मुख्य कारण कोरोनरी धमनी में रुकावट है। ये धमनियां कैसे अवरुद्ध हो जाती हैं और हमें उस रुकावट से बचने के लिए क्या करना चाहिए जो जीवन और मृत्यु के बीच अंतर पैदा करती है।
समय के साथ कोरोनरी धमनी कोलेस्ट्रॉल के जमा होने से संकीर्ण हो सकती है और हृदय को रक्त की आपूर्ति बंद हो सकती है। जब हृदय की कुछ मांसपेशियां मर जाती हैं तो व्यक्ति को सीने में दर्द और हृदय की मांसपेशियों के ऊतकों में अस्थिरता का अनुभव होता है। इसे दिल का दौरा कहा जा सकता है।
किन लोगों को अधिक खतरा?
– अगर कोई व्यक्ति मोटापा और धूम्रपान का आदी है तो उसे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
– आनुवांशिक, गलत खाना, एक्टिविटी ना करना, अधिक तनाव लेने वाले लोगों को भी इसका अधिक खतरा होता है।
– इसके अलावा हार्मोनल असंतुलन, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं जैसे सीने में दबाव या जकड़न महसूस होना। कभी-कभी यह बांहों में सिकुड़न या दर्द से शुरू हो सकता है जो गर्दन या पीठ तक फैल सकता है।