

दीपावली या दिवाली रोशनी का त्योहार है। दीपावली का त्यौहार इसलिए मनाया जाता है कि इस दिन भगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण के साथ 14 साल जंगल में बिताने के बाद अयोध्या लौटे थे। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि देवी लक्ष्मी का जन्म इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान हुआ था इसलिए, दिवाली पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी सबसे महत्वपूर्ण देवता हैं।
दिवाली कब है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक महीने के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। दीपावली पूजा या लक्ष्मी गणेश पूजन के हिस्से के रूप में, इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
इस साल देशभर में दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- शाम 06:11 बजे से रात 08:15 बजे तक। अमावस्या तिथि 12 नवंबर दोपहर 02:44 बजे शुरू होगी और 13 नवंबर दोपहर 02:56 बजे समाप्त होगी।
दिवाली का इतिहास और महत्व:
उत्तरी भारत में, दिवाली राक्षस राजा रावण को हराने के बाद, लक्ष्मण और हनुमान की सहायता से भगवान राम की अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटने की याद में मनाई जाती है। अयोध्या के लोगों ने चांदनी रात में पूरे शहर में मिट्टी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया, जिससे शहर दिन के उजाले से भी अधिक रोशन हो गया।
इसके अलावा दक्षिण भारत में यह माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था। पौराणिक कथाओं के अलावा, देवी लक्ष्मी का जन्म कार्तिक माह की अमावस्या के दिन हुआ था, जिससे यह दिन अत्यधिक शुभ हो गया।
पूरे भारत में उत्सव की अलग-अलग तारीखें
दिवाली, जिसे भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, एक-दूसरे के करीब होने पर भी अलग-अलग दिन मनाई जाती है। दक्षिण भारत में, त्योहार 12 नवंबर, 2023 को पड़ता है। गोवा और पश्चिम भारत में, यह दिवाली से एक दिन पहले 11 नवंबर, 2023 को मनाया जाता है। वाराणसी में, यह 26 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा, जबकि पंजाब और पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे अन्य क्षेत्रों में, दिवाली 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी।