Friday, November 15, 2024
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Vastu Tips: घर में कब और कहां लगाएं तुलसी का पौधा? जानिए जरूरी बातें

हिंदू धर्म में पूजनीय तुलसी का पौधा घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि रोजाना तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-,समृद्धि का वास होता है और सकारात्मक ऊर्जा आती है। मगर, आपको पता होना चाहिए कि घर में किस दिन तुलसी का पौधा लगाएं और वास्तु अनुसार कौन सी तुलसी घर के लिए सही है?

कहां रखें तुलसी का पौधा?
तुलसी सबसे पवित्र पौधा है जो हर घर में अवश्य होना चाहिए। आप तुलसी को उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगा सकते हैं। तुलसी या वृंदा या भारतीय तुलसी हिंदू मान्यता में एक पवित्र पौधा है। इसे देवी तुलसी, लक्ष्मी का अवतार और इस प्रकार भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। इसे वृंदा भी कहा जाता है और इसका विवाह राजा जलंधर से हुआ है।

घर के लिए कौन सी तुलसी है अच्छी?
हरी पत्तियों वाली तुलसी को श्री-तुलसी या राम-तुलसी कहा जाता है। गहरे हरे या बैंगनी पत्तों और बैंगनी तने वाली तुलसी को श्यामा-तुलसी या कृष्ण-तुलसी कहा जाता है। श्यामा तुलसी को भगवान कृष्ण या राधा रानी के भक्तों के लिए पवित्र माना जाता है। यह भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है क्योंकि इसका बैंगनी रंग भगवान कृष्ण के गहरे रंग के समान है। आप इन दोनों प्रकार के तुलसी के पौधों में से किसी एक को भी घर में रख सकते हैं।

घर में किस दिन लगाएं तुलसी?
तुलसी का पौधा आप किसी भी महीने के गुरुवार के दिन लगा सकते हैं। इसके अलावा हिंदू कार्तिक माह को तुलसी लगाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। घर के मध्य भाग या आंगन में तुलसी का पौधा लगाना भी महत्वपूर्ण है। तुलसी को कभी भी घर के अंदर या गंदे स्थान पर न लगाएं।

कब तोड़े तुलसी के पत्ते?
ध्यान दें कि इसके पत्ते केवल सुबह के समय ही तोड़ने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पत्ते कुछ दिनों के बाद भी बासी नहीं होते हैं। इसका उपयोग कई दिनों तक पूजा में किया जा सकता है। इसके अलावा भूलकर भी गुरुवार या रविवार को तुलसी के पत्ते ना तोड़े। इसके अलावा सूर्यास्त के बाद तुसली के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए।

तुलसी को कब जल नहीं देना चाहिए?
रविवार, एकादशी तिथि, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। रविवार को छोड़कर हर दिन तुसली को जल अर्पित करें। ध्यान रखें कि जब तुलसी का पौधा सूख जाए तो इसे धार्मिक अनुष्ठानों के साथ जलस्रोत में विसर्जित करें।

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