गणेश चतुर्थी का पर्व आने में अब कुछ ही दिन बाकी है। इस दौरान लोग घर पर बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिन बाद उनका विसर्जन किया जाता है। श्री गणेश को समृद्धि, सौभाग्य और सफलता के देवता हैं। मगर, वास्तु के अनुसार, घर में बप्पा की मूर्ति रखना बहुत शुभ माना जाता है, खासकर मेन गेट के सामने।
बता दें कि बाईं ओर मुख वाली गणेश प्रतिमा को वास्तु गणेश के नाम से जाना जाता है जो हमारी वास्तु संबंधी अधिकांश समस्याओं का समाधान करती है।वहीं, मान्यता है कि घर के प्रवेश द्वार के ठीक सामने श्री गणेश मूर्ति स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर हमेशा दूर रहती है। हालांकि ज्यादातर लोग यह भूल जाते हैं कि गणेश जी की मूर्ति सही जगह पर रखने से फर्क पड़ता है।
आज हम आपको बप्पा की मूर्ती से जुड़े ऐसे ही कुछ वास्तु टिप्स बताएंगे, जिन्हें ध्यान में रखना बहुत जरूरी है…
गणेश चतुर्थी पर कैसी मूर्ति रखना होगा शुभ
– ऐसा कहा जाता है कि आम, पीपल और नीम के पेड़ों से बनी गणेश प्रतिमा सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
– वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार, गाय के गोबर से बनी मूर्तियों को दुख दूर करने और अच्छी भावनाओं को आकर्षित करने के लिए सबसे भाग्यशाली होती हैं।
– इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि क्रिस्टल की मूर्तियां सभी वास्तु दोषों को दूर करती हैं और इस प्रकार जीवन को तुरंत बदल देती हैं।
– हल्दी की मूर्तियां भी अत्यधिक शुभ मानी जाती हैं।
ध्यान में रखें ये बातें
– श्रीगणेश जी की मूर्तियों को जोड़े में अलग-अलग दिशाओं में रखें। साथ ही यह भी ध्यान कि कभी भी उनकी तस्वीर को पीछे की ओर करके दूसरे कमरे के सामने न रखें।
-हमेशा बाईं दिशा की ओर गणेश जी की मूर्ति वाली सूंड खरीदें, क्योंकि दाई ओर की प्रतिमाएं केवल मंदिरों में ही पाई जाती हैं।
– ध्यान रखें कि गणेश जी की पीठ घर के बाहर की ओर हो।
बप्पा की मूर्ति से जुड़े अन्य वास्तु टिप्स
1. सफेद गणेश
माना जाता है कि सफेद गणेश अधिक धन, सुख और समृद्धि को आकर्षित करते हैं। यहां तक कि एक तस्वीर चिपकाने से भी चमत्कार हो सकता है।
2. मूर्ति स्थापना की सही दिशा
गणेश जी की मूर्ति घर की पूर्व या पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए। गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए घर का उत्तर-पूर्व कोना सबसे अच्छा स्थान है। अगर ईशान कोण उपलब्ध नहीं है तो मूर्ति इस तरह रखें कि पूजा करते समय आपका मुख उत्तर या पूर्व की ओर हो।
3. कोई दक्षिण दिशा नहीं
कहते हैं गणेश जी को कभी भी दक्षिण दिशा में न रखें। इसके अलावा मूर्ति शौचालय या बाथरूम की दीवार से किसी भी तरह ना जुड़ी हो।
4. कोई शयनकक्ष नहीं
वैसे तो बेडरूम में मूर्तियां न रखने की सलाह दी जाती हैले किन अगर कोई ऑप्शन ना हो तो इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। साथ ही वास्तु के अनुसार पैर मूर्ति की ओर नहीं होने चाहिए।