

नई दिल्ली (Exclusive) भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) को बढ़ावा देने के लिए तैयारी जोर शोर से चल रही है, वाहन निर्माता कंपनियां डिस्काउंट तो सरकार ईवी पॉलिसी की दिशा में सक्रिय है। फिलहाल महाराष्ट्र (Maharashtra) ने 2021 के लिए अपनी ईवी नीति की घोषणा की है, जिसमें दावा किया गया कि यह राज्य 2025 इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पाद (electric vehicle products)करने वाला शीर्ष राज्य होगा।
बता दें, इस नीति का उद्देश्य सब्सिडी और छूट के माध्यम से निजी खरीदारों के बीच ईवी अपनाने को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही राज्य सरकार 2025 तक नए वाहन पंजीकरण में इलेक्ट्रिक वाहनों के 10% योगदान पर भी विचार कर रही है। महाराष्ट्र में बेची जाने वाली सभी नई इलेक्ट्रिक कारों को अब रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क से छूट दी जाएगी, जिससे उनकी ऑन-रोड कीमतों में काफी कमी आएगी।
इस पॉलिसी के भीतर इलेक्ट्रिक कारों पर 1.5 लाख रुपये का इंसेंटिव ऑफर किया जा रहा है। इसके अलावा यदि आप 31 दिसंबर 2021 से पहले एक इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं, तो आप 1 लाख रुपये की शुरुआती सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, जिससे कुल लाभ 2.5 लाख रुपये हो जाएगा। राज्य ईवी के लिए अपनी पुरानी कार को स्क्रैप करने वालों के लिए 25,000 रुपये का स्क्रैपेज प्रोत्साहन भी दे रहा है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बेस इंसेंटिव 5,000 रुपये प्रति kWh से शुरू होता है, लेकिन इलेक्ट्रिक कारों के लिए यह सीमा 30kWh रखी गई है। इसका मतलब है कि केवल टाटा नेक्सॉन इस पॉलिसी के भीतर लाभ उठा सकती है। महाराष्ट्र सरकार सात प्रमुख शहरों और चार राष्ट्रीय राजमार्गों में 2,375 सार्वजनिक और सेमी-सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है।
इस पॉलिसी के भीतर सरकार धीमी ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 10,000 रुपये और मध्यम से फास्ट चार्जर के लिए 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन दे रही है। इसके अतिरिक्त, सोसायटी परिसर के भीतर निजी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए संपत्ति कर में छूट भी दी जाएगी।