

हिमाचल प्रदेश (EXClUSIVE): हिमाचल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार राज्यसभा चुनाव में अपने छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद एक बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रही है।
दरअसल, कांग्रेस के प्रमुख नेता विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पार्टी के छह बागी विधायकों को ‘काला सांप’ कहा है, जिन्हें राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने के लिए अयोग्य ठहराया गया था।
सुक्खू ने दावा किया कि बागी विधायकों ने गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को शामिल करने वाले बजट पर मतदान से अनुपस्थित रहकर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए अपना सम्मान बेच दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग पैसे के लिए अपना सम्मान बेचते हैं वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा कैसे कर सकते हैं?
सूत्रों के अनुसार, हिमाचल के सीएम ने कहा कि राजनीति में, जो लोग अपनी पार्टी की पीठ में छुरा घोंपते हैं, जिसने उन्हें चुनाव लड़ने का मौका दिया, उन्हें ‘काला सांप’ कहा जाता है। हिमाचल में सियासी संकट के बीच सिंह ने अपने इस्तीफे पर अपना रुख नरम करते हुए कहा कि वह फिलहाल इस मुद्दे पर जोर नहीं देंगे, जबकि कांग्रेस पर्यवेक्षक इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायक हैं-सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, रवि ठाकुर, दविंदर के भुट्टो, चैतन्य शर्मा और इंदर दत्त लखनपाल। बाद में इन विधायकों को 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा से हटा दिया गया। विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद राज्य विधानसभा की ताकत और बहुमत का आंकड़ा कम हो गया।