जालंधर (TES): बीते सप्ताह पंजाबवासियों को गर्मी का सामना करना पड़ा है। इस दौरान दिन का तापमान 28 से 30 डिग्री रहा। वहीं रात को तापमान गिरकर 14 डिग्री तक पहुंच जाता था। मगर आज 28 फरवरी से मौसम फिर से बदल रहा है।
मौसम विभाग ने कहीं ये बात
ऐसे में मौसम विभाग ने चेतावनी देते कहा है कि 28 फरवरी को हल्की तो 1 मार्च को जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। बारिश के साथ 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं खेतीबाड़ी विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक साल 2012 में फरवरी के महीने में बारीश बिल्कुल भी नहीं हुई थी। ठीक उसी तरह इस बार भी ये महीना सूखा रह सकता है।
मार्च की शुरुआत में हो सकती बरसात
मगर मार्च की शुरुआत में ही बारीश होने की संभावना जताई गई है। ऐसे में हर साल बरसात कम होना एक चिंता का विषय है। इसका सीधा असर फसलों की उपज पर पड़ता है। इसलिए किसानों से सरकार इस बात की अपील करती रहती हैं कि ऐसी फसलों उगाएं जिनमें पानी कम लगे।
गेहूं की फसल के लिए बरसात जरूरी
जैसे की सभी जानते हैं कि गेहूं की फसल में पानी अधिक लगता है। ऐसे में बारिश ना पड़ने पर इसे उगाने में मुश्किल आ सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि फरवरी में 2011 में 32 मिलीमीटर, 2012 में बरसात हुई नहीं, 2013 में 70.8 मिलीमीटर, 2014 में 28.3 मिलीमीटर, 2015 में 58.73 मिलीमीटर, 2016 में 7.7 मिलीमीटर, 2017 में 5.3 मिलीमीटर, 2018 8.0 मिलीमीटर, 2019 में 80.7 मिलीमीटर, 2020 में 5.4 मिलीमीटर, 2021 में 4.0 मिलीमीटर, 2022 में 3.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
इस आकंड़ों के मुताबिक हर साल बरसात कम हो रही है। इसके पीछे का कारण बढ़ता प्रदूषण, जनसंख्या, पेड़ काटना आदि माना गया है। वातावरण को बचाने के लिए इन सब चीजों पर काबू पाने व सही करने की जरूरत है।