

हिंदू त्योहारों में से मां दुर्गा को समर्पित नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान भक्त मां के लिए नौ दिन तक उपवास करते हैं और फिर माता की पूजा-अर्चना व कंजक पूजन किया जाता है। इसके बाद 10वें दिन दशहरा मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि को आम तौर पर महानवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, जो इस बार 15 से शुरू होगी और 24 अक्टूबर को इसकी समाप्त होगी।
कलश स्थापना का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है, जिसके पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर 11:44 बजे से दोपहर 12:30 तक है।
बन रहे कई शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि में कई शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में अगर आप कोई शुभ काम करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए बेहतरीन समय है। वहीं, इन योगों में पूजा करने से आपको दोगुने फल की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जीवन में चल रही परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है।
शारदीय नवरात्रि के दिन होगा शुभ योग का निर्माण
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन बब करण योग बन रहा है। यह योग शुभ काम करने के लिए बढ़िया माना गया है। मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा की उपासना व पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है। इसके बाद बालव करण योग का निर्माण होगा, जिसमें कोई भी काम करने से सफलता मिलती है।
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग और भद्रावास योग भी बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार, भद्रा योग बहुत कल्याणकारी है। इसमें आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।