देशभर में आई फ्लू के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारत में आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में अचानक वृद्धि का कारण कहीं ना कहीं बरसाती मौसम है। दरअसल, मानसून के दौरान संक्रमण का खतरा किसी भी अन्य मौसम की तुलना में अधिक होता है। इसका कारण हवा में नमी है। इसमें बैक्टीरिया और वायरस आसानी से बन जाते हैं।
यह वायरस तेजी से फैल रहा है.
इस वर्ष जुलाई में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक वर्षा हुई। यही कारण है कि हर साल अगस्त तक मरीजों की जो संख्या होती थी, वह इस साल जुलाई महीने में ही देखने को मिल रही है। इस साल ये वायरस तेजी से फैल रहा है।
बरतें ये सावधानियां
-स्वच्छता बनाए रखें।
-बाहर जाते समय चश्मा पहनें।
-अपना तौलिया और कपड़े किसी के साथ साझा न करें।
-जो लोग संक्रमित हैं उन्हें स्कूल, कॉलेज या ऑफिस से छुट्टी लेने के लिए कहें।
-संक्रमण होने पर आंखों को दिन में दो बार ठंडे पानी से धोएं।
-आई ड्रॉप का उपयोग केवल नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा बताई गई मात्रा के अनुसार ही करें। मेडिकल स्टोर से लिखी दवाएं न लें। क्योंकि ज्यादातर दुकानें स्टेरॉयड युक्त दवाएं दे रही हैं, जिससे समस्या बढ़ने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
आई फ्लू कितने दिन में ठीक हो जाएगा?
यह एक ऐसी बीमारी है जो अपने आप ठीक हो सकती है। आई फ्लू से ठीक होने में 3 से 5 दिन का समय लग सकता है। अगर संक्रमण एक के बाद दूसरी आंख में हो जाए तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।