लुधियाना (TES): पंजाब में खेलों के स्तर को उठाने के लिए सीएम भगवंत कई जतन कर रहे हैं। उन्होंने ‘खेडां वतन पंजाब दीयां’ को बढ़ावा दे रहे हैं। मगर आज हम बात खेल नहीं बल्कि एक पूर्व खिलाड़ी की करने वाले हैं। बता दें, परमजीत कुमार पंजाब में हॉकी के खिलाड़ी रह चुके हैं। फिर भी सरकार ने उन्हें नौकरी नहीं दी। ऐसे में वे अपने परिवार को पालने के लिए पल्लेदारी करने पर मजबूर हो गए है।
सबसे पहले जानते हैं कौन है परमजीत कुमार
बता दें, परमजीत कुमार पूर्व स्टेट लेवल हॉकी खिलाड़ी रह चुके हैं। वे अंडर-18 हॉकी नेशनल में एस.ए.आई. टीम का हिस्सा भी रहे हैं। वहीं अंडर-16 नेशनल में परमजीत ने रजत पदक जीतकर जिले को गौरवान्वित किया था। जब वे जूनियर एशिया कप के लिए चुने गए थे तब उन्हें एक ब्लेजर भी इनाम के तौर पर मिला था।
परिवार पालने के लिए रोज करने रहे मेहनत
परमजीत कुमार पंजाब के फरीदकोट के निवासी है। हॉकी का खिलाड़ी होने के बावजूद भी सरकार ने नौकरी नहीं दी। ऐसे में वे अब अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए रोजाना ही कड़ी मेहनत करते हैं। वे चावल की बोरियों को अपने कंधों पर उठाने का काम करके घर चला रहे हैं। आपको ये बात सुनकर हैरानी होगी कि वे केवल 1.25 रुपए में एक बोरी का भार उठाते हैं। इसी तरह वे रोजाना 450 बोरियां उठाकर अपने परिवार का पालन कर रहे हैं।
गरीबी से ही भरा था बचपन
बता दें, परमजीत का बचपन भी गरीबी में ही बीता था। उनके पास हॉकी किट तक खरीदने के पैसे नहीं होते थे। एक बार परमजीत के हाथ पर चोट लगने के कारण वे खेल में हिस्सा नहीं ले पाए थे। मगर ठीक होकर उन्होंने दोबारा खेल खेला था। मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने 2015 में हॉकी खेलना छोड़कर पल्लेदार का काम शुरु कर दिया था।
ऐसे कर रहे गुजारा
वे अभी परिवार के साथ एक किराए के मकान में रह रहे हैं। उनका 5 साल का एक बेटा भी है। बताया जा रहा है कि, हॉ़की के एक अच्छे खिलाड़ी की ऐसी हालत के बारे में सुनकर सीएम मान ने उन्हें 1 फरवरी 2023 को चंडीगढ़ आने को कहा है। ऐसे में हम सोच सकते हैं कि शायद सीएम साहब उनकी इस हालात को सुधारने में उनकी मदद करेंगे।