पंजाब (TES): अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबंधित गुरु नानक देव अस्पताल से एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली पी.पी.ई. किट में घोटाला हो रहा है। बता दें, पी.पी.ई. किट का मतलब शव को कवर करने वाली किट है। जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना से हुई मौत के बाद व्यक्ति की बॉ़डी को दाह संस्कार के लिए भेजने से पहले उसके शव को पी.पी.ई. किट से कवर किया जाता है।
मगर ये कवर अच्छी क्वालिटी के न होने का दावा किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार शवों को डालने पर किट या तो फट जाती थी या उसकी जिप टूट जाती थी। बता दें, ये बॉडी कवर तत्कालीन मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओमप्रकाश सोनी के कार्यकाल में ही खरीदे गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने अभी तक कुल 2200 बॉडी कवर खरीदे हैं। इस बात की पुुष्टी GNDH के संबंध में ग्रेड 4 कर्मचारी नरिंदर कुमार से की गई है।
इस बात की जानकारी देते हुए नरिंदर कुमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने साल 2020 में शवों के लिए बॉडी कवर किट लिए थे। उस समय 400 से अधिक मरीज थे और हर दिन मौत भी लगातार हो रही थी। उस दौरान बॉडी को कवर किट पहनाकर ही दाह संस्कार के लिए भेजा जाता था। एक किट को करीब 850 रुपए की थी। मगर कवर किट शवों को पहनाते दौरान ही फट जाती थी।
इसके कारण ही शव को कवर करने वाले लोग हाथ लगने से कोरोना की चपेट में आ जाते थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि उस दौरान ही शवों को ढकने के लिए बॉडी कवर में घोटाला हो रहा था। मगर इसपर किसी ने गौर नहीं किया। हो सकता है कि इस बात पर ध्यान देने से आज कई लोग कोराना व मौत की चपेट में आने से बच जाते।