दिल्ली (Exclusive): कोरोनावायरस के संक्रमित मामले अब धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। अगर ताजा आंकड़ों को देखें तो देश में अब तक कुल 408764 लोगों की मौत हो गई है। इतना ही नहीं इस समय लगभग 450899 एक्टिव मामले जा रही हैं। इसमें राहत की बात यह है कि मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.22 पर पहुंच गई है।
लेकिन इसी बीच एक प्रसिद्ध भौतिक शास्त्र के एक बयान ने देश में खतरे की घंटी को फिर से मोड़ पर रख दिया है। मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति रहे वरिष्ठ भौतिकशास्त्री ने भारत में कोरोनावायरस को लेकर एक खास विश्लेषण किया है।
उन्होंने इस विश्लेषण में साफ कहा है कि संभवत 4 जुलाई से ही करोना वायरस की तीसरी लहर का भारत में प्रवेश हो चुका है। अपने इस विश्लेषण के दावे को सही साबित करने के लिए उन्होंने एक स्टडी भी इस बारे में रखी है।
अपनी स्टडी में उन्होंने कहा कि देश में पिछले 463 दिन में संक्रमण के मामलों और उनमें मौतों के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद 4 जुलाई की तारीख इस साल फरवरी के पहले सप्ताह जैसी लगती है जब दूसरी लहर शुरू हुई थी।
डॉ विपिन श्रीवास्तव ने अपने विश्लेषण में कहा कि संक्रमण से रोजाना मृत्यु के मामलों के बढ़ने की प्रवृत्ति से घटने की प्रवृत्ति की ओर बढ़ते हैं या इसके विपरीत बढ़ते हैं तो डीडीएल लोड में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। ऐसे में मैंने कहा कि इससे पहले फरवरी के पहले सप्ताह में डीडीएल में यह उतार-चढ़ाव देखा गया था।
फिलहाल उनकी इस स्टडी के बाद एक बार फिर से देश में कोरोना वायरस को लेकर गंभीर माहौल बन गया है। इसीलिए ‘एक्सक्लूसिव’ आपको खास सलाह दे रहा है कि कम हो रहे मामलों को लेकर अभी बिल्कुल भी लापरवाही ना बरतें।