Tuesday, July 8, 2025
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बढ़ सकती है महिलाओं के मैटरनिटी लीव की अवधि, नीति आयोग ने कहीं ये बात

नेशनल (TE): देशभर में निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश (maternity leave) करीब 6 महीने के लिए दिया जाता है। मगर अब इसमें बढ़ावा होने की बात सामने आई है। जी हां, नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य पी के पॉल ने का कहना है कि इन अवधि को 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर देनी चाहिए।

बता दें, मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 (The Maternity Benefit (Amendment) Bill, 2016) को 2017 में संसद में पास किया था। इसके मुताबिक, पहले 12 सप्ताह के वैतनिक मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह किया था। वहीं भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (FICCI) के महिला संगठन FLO ने एक बयान में पॉल के हवाले से कहा था कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को मातृत्व अवकाश की अवधि को बढ़ाने के लिए विचार करना चाहिए।

इस बयान के मुताबिक, पॉ़ल ने कहा कि निजी क्षेत्र को बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए और क्रेच खोलने चाहिए। इसी के साथ उनकी और जरूरतमंद बुजुर्गों की देखभाल की व्यवस्था देखने के लिए नीति आयोग को सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए लाखों कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए देश को व्यवस्थित प्रशिक्षण व्यवस्था विकसित करनी चाहिए।

FLO अध्यक्ष ने कही यह बात

FLO अध्यक्ष सुधा शिवकुमार का कहना है कि वैश्विक स्तर पर देखभाल करने की अर्थव्यवस्था एक मुख्य क्षेत्र है। इसमें देखभाल और घरेलू कार्य करने वाले वैतनिक और अवैतनिक मजदूर आते हैं। उनका कहना है कि यह क्षेत्र आर्थिक विकास, लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने का काम करता है।

उनके अनुसार, देखभाल का काम आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हैं मगर इसे वैश्विक स्तर पर इसे कम आंका जाता है, जो कि गलत है। आगे उन्होंने कहा कि देश के पास देखभाल अर्थव्यवस्था के जुड़े मजदूरों को पहचानने की कोई खास प्रणाली नहीं है। वहीं अन्य देशों के मुकाबले इस पर भारत का खर्च बहुत कम होता है।

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