जालंधर (Exclusive) वैदिक ज्योतिष (Vedic astrology) में शुक्र ग्रह का विशेष महत्व है। शुक्र ग्रह को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों (physical, physical and marital pleasures)का कारक माना जाता है। बुध और शनि, शुक्र ग्रह के मित्र ग्रह हैं। जबकि शुक्र के सूर्य और चंद्रमा शत्रु ग्रह हैं। शुक्र एक राशि से दूसरी राशि में गोचर 23 दिन में करता है।
शुक्र ग्रह की स्थिति जन्मकुंडली में शुभ व उच्च होने की होने पर जातक को किसी भी चीज की कमी नहीं रहती है। शुक्र के शुभ प्रभाव से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। जानिए शुक्र ग्रह की प्रिय राशियों के बारे में-
1.वृषभ राशि- वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं। यह राशि सौंदर्य और खूबसूरती का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस राशि के जातक काफी बुद्धिमान होते हैं। ये शिक्षा और सौंदर्य के क्षेत्र में तरक्की हासिल करते हैं। आमतौर पर इस राशि के जातकों को 30 साल के बाद सफलता हासिल होती है। इनमें सहनशीलता काफी ज्यादा होती है। ये जीवन में खूब पैसा कमाने की चाहत रखते हैं।
- तुला राशि-इस राशि के जातक को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं हासिल होती हैं। इन्हें महंगी चीजों का शौक होता है। ये अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। ये आमतौर पर सज-संवरकर रहना पसंद करते हैं। इन्हें दोस्तों से भी लाभ मिलता है। तुला राशि के जातक दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
- मीन राशि-मीन राशि को शुक्र की उच्च राशि माना जाता है। ये लोग क्रिएटिव विचारों वाले होते हैं। ये कला, चिकित्सा, जीव विज्ञान और संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। ये धार्मिक स्वभाव के होते हैं। ये एक बार जिस काम को ठान लेते हैं, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। ये अपनी बात स्पष्टतौर पर कहना जानते हैं।