चंड़ीगढ़ (TES): पंजाब सरकार ने पंचायतों को लेकर कमर कस ली है। अब पंचायतों के हर काम की खुले रूप से चर्चा होगी। लोकसभा और विधानसभा की तरह ही पंचायतों को भी भी हर काम का जवाब देना होगा। असल में, पंचायत विभाग द्वारा राज्य की सारी पंचायतों को नोटिस जारी किए हैंं। इस आदेश के अनुसार, हर पंचायत के लिए 1 साल में 2 बार सत्र बुलाना अनिवार्य होगा।
खासतौर पर दिसंबर में 15 दिनों के दौरान पंचायत सत्र जरूर बुलाएं जाएं। इसके परिणाम स्वरूप सरपंच और पंचायत निलंबित (suspend) हो सकते हैं। ऐसे में पंचायत विभाग की ये कार्रवाई 5 सालों में मिली ग्रांटों के घोटाले के खुलासों के बाद करनी पड़ी है।
खास करके दिसंबर में 15 दिनों के दौरान पंचायत सत्र जरूर बुलाएं, नहीं तो सीधा सरपंच और पंचायत को निलंबित किया जा सकता है। पंचायत विभाग को यह कार्रवाई 5 सालों में आई ग्रांटों के घोटाले के खुलासे के बाद करनी पड़ी है। दरअसल, पंजाब विभाग को ये कार्रवाई हर 5 साल में आई ग्रांटों के घोटाले के खुलासे के कारण बनी पड़ रही है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पंजाब में कुल 13 हजार 241 ग्राम पंचायत है। ऐसे में पंचायत विभाग के डॉयरेक्टर गुरप्रीत सिंह खैहरा का कहना है कि सभी पंचायत को हर साल 2 बार सत्र बुलाना पहले से ही जरूरी था। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि आमतौर पर सरपंच अपनी मर्जी से ही साथी पंचों के घरों से हस्ताक्षर करवा लेते हैं। उसके बाद वे रजिस्टर करवा देते थे।
उन्होंने बताया कि ग्राम सभा की शुरूआत से पहले वीडियोग्राफी फोटो लेना भी अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सरपंच, पंच, पूरा गांव और ब्लॉक अधिकारी वहां पर मजूद होने जरूरी है। इसके अलावा ग्राम सभा बुलाने के15 दिन पहले गांव, बस अड्डे और सार्वजनिक स्थानों पर लिखित नोटिस लगाना होगा।