

जालंधर (TE): नगर निगम ने अपना टैक्स रिकॉर्ड मजबूत करने के लिए कुछ साल पहले शहर के तमाम संपत्तियों का जी.आई.एस. सर्वे करवाया था। मगर निगम अधिकारियों की लापरवाही व अक्षमता के कारण ऐसा नहीं हो पाया। ऐसे में सर्वे करने का कोई खास फायदा नहीं हो पाया। ऐसे में सर्वे फाइल बंद हो कहीं दब कर रह गई।
नगर निगम ने लिया यह फैसला
अब पुराने जी.आई.एस. सर्वे को अपडेट करने के लिए नगर निगम ने टेंडर जारी किया है। इसके तहत करीब 1.16 लाख संपत्तियों पर यू.आई.डी. नंबर प्लेट लगाए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम ने एक कंपनी को काम दिया है। बता दें, अभी तक करीब 80 हजार नंबर प्लेट लग गई है।
दूसरा टेंडर भी किया गया अलॉट
बता दें, स्मार्ट सिटी के जरिए दूसरा टेंडर भी अलॉट किया है। ऐसे में कंपनी शहर के 2 लाख और घरों का सर्वे करके उनका मिलान पहले किए जी.आई.एस. सर्वे से होगा। इसके बाद ही शहर के अन्य 2 लाख घरों पर नंबर प्लेट लगेगी।
इन्हें होगा फायदा
इन यू.आई.डी. नंबर प्लेट लगने से शहर को सेक्टरों में बांट दिया जाएगा। इससे नगर निगम के टैक्स कलेक्शन में इजाफा होगा। इसी के साथ प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर टैक्स ब्रांच व लाइसेंस ब्रांच को लाभ मिलेगा। अगर नगर निगम के अधिकारी इस सर्वे को सही तरीके से शहरभर में लागू करेंगे तो निगम की आय भी कई गुना बढ़ सकती है।