

नई दिल्ली (Exclusive): पंजाब विधानसभा में पास बिलों को मंजूरी देने में देरी करने के मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें अहम टिप्पणी सामने आई है। दरअसल, कोर्ट ने राज्यपाल और पंजाब सरकार दोनों को आत्ममंथन करने की सलाह दी है।
सॉलिसीटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि राज्यपाल ने सभी सात बिलों पर फैसला ले लिया है। जल्द ही सरकार को इसके बारे में बताया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को कोई बिल सरकार को वापस भेजने का भी अधिकार है। हालांकि मामला कोर्ट तक आने से पहले राज्यपाल को निर्णय लेना चाहिए।
राज्यपाल को थोड़ा आत्मावलोकन करने की आवश्यकता है। उन्हें पता होना चाहिए कि वे जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं। मामले की सुनवाई 10 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बता दें कि, विधानसभा से पारित बिल को मंजूरी देने में राज्यपाल की तरफ से देरी के खिलाफ पंजाब सरकार ने ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली थी।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र को गैर कानूनी करार दिया गया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सरकार ने राज्यपाल के रवैये के खिलाफ 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।