दिल्ली (TES): पंजाब में अवैध शराब के मामले तेजी से बढ़ते जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे। अब पंजाब सरकार ने 15 दिसंबर को उच्च्तम न्यायालय को बताया है कि वे अवैध शराब निर्माण के खिलाफ जोरों से काम कर रहे हैं। इसमें सरकार का कहना है कि उनका आबकारी विभाग नियमित रूप से अवैध देसी शराब के निर्माण और उपयोग के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है। इसके अलावा सरकार द्वारा न्यायालय में दिए एक जवाबी हलफेनामे में भी कहा कि वे राज्य आबकारी बल में सभी खाली पदों को भरने के लिए दीर्घकालिक उपाय जल्दी उपलब्ध करवाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह पंजाब में तेजी से बढ़ रहे अवैध शराब के कारोबार पर अपनी चिंता जताई है। वहीं सरकार को दिए हलफनामे में राज्य के आबकारी और कराधान विभाग ने इस समस्या को जल्दी ही खत्म करने के लिए तत्काल उपायों के रूप में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया है।
शीर्ष अदालत में दायर एक अलग हलफनामे में पंजाब सरकार का कहना है कि महानिरीक्षक रैंक के एक पुलिस अफसर को पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 के तहत दर्ज मामलों की जांच की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर नियुक्त किया जाएगा। बता दें, यह मामला गुरुवार को न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई में आया था। इसपर पीठ का कहना है कि देखेंगे ये आगे कैसे बढ़ेगा। हम पूरी तरह से इसकी निगरानी में जुटे रहेंगे। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई की डेट पीठ ने अगले महीने शीतकालीन अवकाश के बाद की ही रखी है।