

मुंबई (Exclusive): गदर 2 की सफलता से ताजा होकर बॉलीवुड स्टार सनी देओल ने हाल ही में अपने करियर, नेपोटिज्म शब्द और उनके लिए इसका क्या अर्थ है, इसके बारे में खुलकर बात की।
भाई-भतीजावाद पर सनी देओल
सनी देयोल ने एक इंटव्यू में कहा, ”लोग नेपोटिज्म के बारे में बात करते रहते हैं और मैं सोचता था कि ये भी क्या है? फिर मैं सोचने लग गया, कि बाप अपने बच्चे के लिए नहीं करता तो किसके लिए करता है? ये बात मुझे समझ में नहीं आती, चाहे जो भी फील्ड में हो। चाहे एक्टिंग हो या कोई भी फील्ड, हर पिता यही सोचता है कि अपने बच्चे की जिंदगी को आरामदायक कैसे बनाया जाए।”
‘मेरे पिता ने अपनी पहचान खुद बनाई…’
उन्होंने कहा कि “यह शब्द (भाई-भतीजावाद) ज्यादातर उन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है – जिनकी कोई गलती नहीं है। जो लोग किसी भी चीज में सफलता नहीं मिलने से निराश हैं, वे अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए इस शब्द का उपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने अपनी अलग पहचान बनाई। आज मैं जो कुछ भी हूं, बॉबी और अभय जो भी हैं, वह हमारी अपनी पहचान की वजह से हैं। बेशक, अब मुझे पता है कि पिता होने का क्या मतलब होता है। मेरे पिता को कैसा महसूस होता था। एक पिता के डर और दर्द क्या हैं, लेकिन राजवीर की यात्रा उनकी अपनी है।”
गौरतलब है कि सनी देओल के बेटे राजवीर देओल ने हाल ही में फिल्म डोनो से डेब्यू किया है। हालांकि, फिल्म समीक्षकों को प्रभावित करने में विफल रही और बॉक्स ऑफिस पर इसे बहुत कम प्रतिक्रिया मिली।