मानसून में पेट में संक्रमण, हैजा, टाइफाइड, दस्त, डेंगू, मलेरिया से लेकर चिकनगुनिया तक वेक्टर जनित बीमारियां आम हैं। ऐसे में इस दौरान पानी उबालने, सब्जियों को अच्छी तरह से धोने और हाथों को साफ करने जैसी अन्य सावधानियां बरतनी चाहिए। इसके अलावा पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए डाइट में प्रोबायोटिक्स लेना भी जरूरी है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मानसून में कैसे रखें पेट का ख्याल
कैसी हो डाइट?
नाश्ते में दूध के साथ दही, नट्स या ओट्स शामिल करें। दोपहर के भोजन में दालें, फलियां और साबुत अनाज के नाश्ते शामिल किए जा सकते हैं। रात के खाने में प्रोटीन के स्रोत के रूप में दही या नॉन-वेज खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं।
कच्चे फूड्स
मानसून में कच्चे फूड्स जैसे प्याज, टमाटर, ब्रोकोली, पत्तागोभी, लेक्टस (lectus leaf) खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण का खतरा रहता है। इसके कारण पेट व आंतों में सूजन, उल्टी, दस्त और ऐंठन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
प्रोबायोटिक फूड्स लें
आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ावा देने के लिए बरसात में दही, छाछ, अचार आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
जड़ी-बूटियां
नीम, अश्वगंधा, लेमनग्रास, अदरक और गिलोय कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों का सेवन भी आपको सभी प्रकार के संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में मदद करेगा।
हर्बल चाय
हर्बल चाय तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, लेमन ग्रास, अदरक आदि जड़ी-बूटियों से बनाई जा सकती है जो पाचन और इम्यूनिटी को बढ़ावा देगी। अगर आप चाय का मजा लेना चाहते हैं तो इसमें दालचीनी, लौंग, जावित्री जैसे मसाले मिला लें, जिससे इम्यूनिटी बेहतर होगी।
ओमेगा 3 से भरपूर फूड्स
ओमेगा 3 से भरपूर फूड्स एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करेंगे। अलसी, खरबूजे के बीज, बादाम, अखरोट और वसायुक्त मछली ओमेगा 3 के स्रोत हैं।