

चंडीगढ़ (Exclusive) फिलहाल, पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) का विवाद थमता नहीं दिख रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने दो दिन बीत गए हैं, पर कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) से कोई बातचीत नहीं हुई है।
दोनों नेताओं के बीच इस टकराव ने पार्टी नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। उनका मानना है कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के बीच तालमेल जरूरी है। वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने सांसदों औऱ विधायकों औऱ मंत्रियों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं।
बुधवार यानि आज कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी और गुरजीत औजला के साथ कई सांसद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री पार्टी के टकसाली नेताओं की नब्ज टटोल रहे हैं। पार्टी के पुराने दिग्गज नेता अभी कैप्टन के साथ हैं और सिद्धू की नियुक्ति पर खामोशी साधे हुए हैं।
दिग्गज नेताओं से रणनीति के बाद ही कैप्टन का अगला कदम तय होगा। दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी की कमान संभालते ही अपना सियासी दमखम दिखाना शुरू कर दिया है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के दो दिन बाद ही सिद्धू के घर पार्टी विधायकों का जमावड़ा दिखा।
नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को अमृतसर में अपने आवास पर लगभग 62 पार्टी विधायकों के साथ नाश्ते पर बैठक की। नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यालय ने दावा किया कि सुबह के नाश्ते पर बैठक के लिए सिद्धू के घर कांग्रेस के 62 विधायक शामिल हुए।
बाद में 12:30 बजे सिद्धू श्रीहरमंदिर साहिब (Harminder Sahib) में माथा टेकने के लिए पहुंचे। सिद्धू का श्रीहरमंदिर साहिब जाना कांग्रेस में ‘पावर शो’ सरीखा बन गया। इन सब हालात में स्पष्ट है कि पंजाब कांग्रेस का विवाद अभी नहीं थम रहा है।
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