

हिंदू धर्म में शनिवार को शनि देव का दिन माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र हैं, जो कर्मों के हिसाब से हर व्यक्ति को सजा देते हैं। शनि किसी भी राशि में ढाई साल से लेकर साढ़े सात साल तक रहते हैं। मान्यताओं की मानें तो शनि किसी भी कुंडली में आने से 3 महीने पहले से ही अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देते हैं।
हालांकि प्रत्येक मनुष्य के जीवन पर शनि का प्रभाव उनकी ग्रह स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए जहां तक संभव हो शनिदेव की वक्री दृष्टि से दूर रहना चाहिए। मगर, अगर किसी पर शनिदेव की वक्री दृष्टि पड़ जाए तो कुछ उपाय से उसके प्रभावों को कम किया जा सकता है।
शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय
– शनिवार के दिन पूरी श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करने से जातकों को विशेष लाभ मिलता है।
– वक्री दृष्टि को कम करने के लिए शनिवार के दिन आटे व चीनी में काले तिल मिलाकर चींटियों को खिलाना चाहिए।
– अगर शनि की कृपा नहीं मिल रही हो तो काले घोड़े की नाल या नाव की कील से बनी अंगूठी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पहनें।
– शनिवार के दिन स्नान करने के बाद शनिदेव के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद शनिदेव को नीले फूल चढ़ाएं।
– हर शनिवार शनि के दस नामों वाले मंत्र “कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।” का रुद्राक्ष की माला से 5 बार जाप करना चाहिए।
– अगर मंत्र का जाप न किया जा सके तो शनि के दस नामों- कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद और पिप्पलाद का जाप करना चाहिए।
– शनि के मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” या शनि बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करना भी लाभकारी होता है।
– काली वस्तुएं जैसे काले तिल, कपड़ा, कंबल, लोहा और उड़द की दाल का दान फलदायी होता है। शनिवार के दिन किसी गरीब को ये वस्तुएं दान में देने से शनिदेव प्रसन्न होंगे।
– मान्यता है कि शनिवार के दिन स्नान के बाद सरसों के तेल में अपना चेहरा देखकर कुछ पैसे दान करने से बाधाएं दूर होती हैं।