उत्तराखंड (TES): उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव संकट से हर कोई परिचित है। वहीं SC (सुप्रीम कोर्ट) ने यहां हुई घटना को राष्ट्रीय आपदा ऐलान करने के लिए अदालती हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करने से साफ मना कर दिया। इसपर SC ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से कहा है कि जोशीमठ के पीड़ित लोगों को राहत, पुनर्वास के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट में पेश होना चाहिए।
ऐसे में चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को अपनी प्रार्थना के साथ उत्तराखंड हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। बता दें, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग केंद्र औली का मुख्य द्वार भी जोशीमठ भू-धंसान के कारण एक बड़े संकट में फंस गया है।
याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा है कि इस भू-धंसाव कारण बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण है। ऐसे में इससे पीड़ित लोगों को जल्द से जल्द वित्तीय सहायता और मुआवजा देना चाहिए। याचिका में उन्होंने कहा है कि वैसे तो मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी विकास की आवश्यकता होना सही नहीं है। इसके अलावा अगर ऐसा कुछ होगा भी तो इसपर राज्य और केंद्र सरकार का फर्ज बनता है कि वे ऐसा होने न दें।