

हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को प्रथम पूज्यनीय माना जाता है। उनकी पूजा किसी भी अन्य देवता से पहले की जाती है। माना जाता है कि भगवान गणेश ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं और उनकी पूजा करने से व्यक्ति किसी भी बाधा को आसानी से दूर कर सकता है। आज संकष्टी चतुर्थी व्रत मनाया जा रहा है। इस दिन लोग भगवान गणेश का पूजन व व्रत करते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि इस दिन भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं।
शाम को भगवान गणेश का पूजन करने के लिए बाद पढ़ें ये श्लोक व स्तुति
संकष्टी चतुर्थी श्लोक
गजाननं भूत-गणनादि सेवितम्
कपित्थ जम्बू-फला-सार भक्ससीतम
उमा-सुतम् शोक विनाश-कारन्नम्
नमामि विघ्नेश्वर पाद-पंगजम
भगवान श्री गणेश स्तुति
गाइये गणपति जगवंदन
शंकर सुवन भवानी के नंदन
गाइये गणपति जगवंदन…
सिद्धि सदन गज वदन विनायक कृपा सिंधु सुंदर सब लायक
गाइये गणपति जगवंदन…
मोदक प्रिया मृद मंगल दाता विद्या वर्धि बुद्धि विधाता
गाइये गणपति जगवंदन…
मंगत तुलसी दास कर ज़ोरे
बसहिं राम सिया मानस मोरे
गाइये गणपति जगवंदन…
गणेश स्तुति का पाठ करने के लाभ
-ऐसी मान्यता है कि पूरी आस्था के साथ श्री गणेश स्तुति का पाठ करने से पाठ करने वाले को भगवान गणपति का सर्वोत्तम आशीर्वाद मिलता है।
– किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले गणेश स्तुति का पाठ करने से उस काम में सफलता मिलती है।
– नियमित रूप से गणेश स्तुति का पाठ करने से भी ग्रहों के दुष्प्रभाव खत्म होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
– गणेश स्तुति का पाठ करने वाला व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध हो जाता है और उसे कई अवसर प्राप्त होते हैं। उन्हें सामाजिक प्रभाव और भौतिक पूर्ति से लाभ हो सकता है।