शिमला (Exclusive) हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री व जनता के दिलों पर राज करने वाले वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) का शाही परंपरा व पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को अंतिम संस्कार (Funeral) कर दिया गया।
रामपुर बुशहर में सतलुज किनारे जोबणी बाग स्थित मोक्ष धाम में शाम करीब सवा चार बजे राजा साहब वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर को उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मुखाग्नि दी। जिस समय वीरभद्र सिंह के पार्थव शरीर को चिता पर रखा जा रहा था तो मोक्ष धाम “वीरभद्र सिंह अमर रहे”, “जब तक सूरज चांद रहेगा, वीरभद्र सिंह तेरा नाम रहेगा” जैसे नारों से गूंज उठा। इस मौके पर हजारों लोग मौजूद थे। आम से लेकर खास सभी लोग इस बेमिसाल छवि वाले कद्दावर नेता को अंतिम प्रणाम करने के लिए पहुंचे थे।
राजा साहिब के नाम से चर्चित वीरभद्र सिंह को विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और वन मंत्री राकेश पठानिया ने अंतिम संस्कार में शिरकत की।
कांग्रेस आलाकमान की ओर से छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पूर्व केंद्रीय मंत्रियों पवन कुमार बंसल और आनंद शर्मा भी वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर और कांग्रेस के तमाम विधायक, नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे। मुखाग्नि देने से पहले पदम पैलेस से रामपुर बाजार होते हुए वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा निकाली गयी।
अंतिम यात्रा के दौरान पूरे मार्ग में पांरपरिक ढोल और शंख समेत अन्य वाद्य यंत्र बजाए गए। शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर शिमला से रामपुर लाया गया था। इस दौरान जगह-जगह जनसैलाब उमड़ा और लोगों ने इस लोकप्रिय नेता के अंतिम दर्शन किए।
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह बुशहर रियासत के 123वें राजा बने हैं। राज दरबार पदम पैलेस में शनिवार सुबह गम के माहौल के बीच वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह के सामने विक्रमादित्य सिंह का शाही परंपरा के अनुसार राजतिलक हुआ और उन्हें राजगद्दी सौंपी गई।