नई दिल्ली(Exclusive)खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) जून महीने में मामूली कमी के साथ 6.26 प्रतिशत पर आ गयी। हालांकि यह लगातार दूसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के संतोषजनक स्तर से अधिक है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price Index)(cpi) आधारित मुद्रास्फीति मई 2021 में 6.3 प्रतिशत तथा जून 2020 में 6.23 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 5.15 प्रतिशत होने के बावजूद खुदरा महंगाई दर हल्की कम हुई है। मुख्य रूप से खाद्य तेल और वसा के दाम बढ़ने से खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़ी है। एक महीने पहले मई में यह 5.01 प्रतिशत थी। सालाना आधार पर तेल और वसा खंड में महंगाई दर जून महीने में 34.78 प्रतिशत रही।
वहीं फलों की महंगाई दर 11.82 प्रतिशत दर्ज की गयी। हालांकि सब्जियों के दामों में सालाना आधार पर 0.7 प्रतिशत की गिरावट रही। ईंधन और प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति 12.68 प्रतिशत रही। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है।
खाद्य तेल का शीर्ष संगठन सेंट्रल आर्गनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड (सीओओआईटी) के चेयरमैन सुरेश नागपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जून के दूसरे पखवाड़े से खाद्य तेल के दाम में नरमी आनी शुरू हुई है। उन्होंने कहा, भारत सरकार ने भी शुल्क कम किया है और अगले कुछ महीनों के लिए कुछ खाद्य तेलों के आयात पर प्रतिबंध हटा दिया है। परिणामस्वरूप, जून के मध्य से थोक और खुदरा दोनों बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी आई है। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में कीमतें मौजूदा स्तर पर बनी रहेंगी।