

चंडीगढ़ (Exclusive): पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़े धमाके हो रहे हैं। एक तरफ पंजाब कांग्रेस दो फाड़ नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ कई मंत्री और विधायक अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं। इस समय कांग्रेस पार्टी अपने विरोधियों के साथ-साथ अंदरूनी कलह से भी दो-दो हाथ कर रही है।
लेकिन अब पंजाब के बागी नेताओं पर प्रदेश प्रभारी हरीश रावत की नसीहत का भी कोई असर नहीं पड़ रहा। मिली जानकारी के अनुसार बीते 2 दिन पहले पंजाब के बागी नेता हरीश रावत से मिलने देहरादून पहुंचे थे। इस बैठक के बाद हरीश रावत का बड़ा बयान सामने आया था कि आगामी विधानसभा चुनाव पंजाब कांग्रेस कैप्टन की अगुवाई में ही लड़ेगी। इसी के साथ पंजाब के बागी नेताओं को भी हरीश रावत ने नसीहत दी थी। लेकिन उसका असर इन मंत्रियों पर कुछ नहीं हुआ।
बीते दिन पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में यह बागी मंत्री निरादर रहे। मिली जानकारी के मुताबिक अपने तेवर ना बदलते हुए सुखजिंदर सिंह रंधावा तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखविंदर सिंह सरकारिया गैरहाजिर रहे। ऐसे में यही बात सामने आ रही है कि अभी भी पंजाब कांग्रेस का कलह निपटने की स्थिति में नहीं है।