Tuesday, December 24, 2024
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जगन्नाथ रथ यात्रा आज, जानें प्रारंभ होने का समय और महात्म

नई दिल्ली(Exclusive) उड़ीसा के पुरी(Puri of Orissa)में हर साल निकलने वाली प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा (Jagannath Yatra)का आयोजन इस साल भी किया जा रहा है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा जिसे गुण्डीचा यात्रा, पतितपावन यात्रा, जनकपुरी यात्रा, नवदिवसीय यात्रा तथा दशावतार यात्रा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष भी शास्त्र सम्मत तिथि के अनुसार आज 12 जुलाई को प्रांरभ हो रही है, जो देवशयनी एकादशी के दिन 20 जुलाई तक चलेगी।

पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना गाइडलाइंस के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु इसमें भाग नहीं ले सकेंगे। लेकिन शास्त्रोंक्त सभी रीति और रस्मों का विधिवत पालन किया जाएगा। उड़ीसा के पुरी के अतिरिक्त देश कई और हिस्सों में भी लोंग भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकालते हैं।

पद्मपुराण के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्त पक्ष की द्वितिया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा निकली जाती है। जो सात दिन तक माता गुण्डिचा के मंदिर में विश्राम कर देवशयना एकादशी के दिन वापस घर लौटते हैं। इस साल रथयात्रा कल 12 जुलाई, दिन सोमवार को निकाली जाएगी और 20 जुलाई एकादशी के दिन समाप्त होगी।

पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ का धाम हिंदुओं के चार धामों में से एक है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा सैकड़ों साल से हो रही है। इसके महात्म का वर्णन पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। भगवान जगन्नाथ को विष्णु जी के पूर्णावतार श्री कृष्ण की ही एक रूप है। रथ यात्रा में सबसे आगे बलभद्र के रूप में बलराम बीच में बहन सुभद्रा और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ निकलता है।

मान्यता है कि इस रथ यात्रा के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं और भगवत् कृपा से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। जगन्नाथ पुरी की यात्रा आदिशंकराचार्य, चैतन्य महाप्रभु, रामानुजाचार्य, जयदेव,कबीर और तुलसी जैसे अनेक संतों ने की है और भगवान जगन्नाथ की महिमा को स्वीकार कर उनके अनन्य भक्त बन गये।

 

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