

बठिंडा (Exclusive): पंजाब में पराली के धुएं ने प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ा दिया है कि कई इलाकों में सुबह की सैर पर निकलना भी मुश्किल हो गया है।
वहीं, लगातार पराली जलाने के कारण बठिंडा शहर शुक्रवार की सुबह धुएं की चादर में छिपा रहा। बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले दो सप्ताह से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 9 नवंबर को बठिंडा की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 था, जो बहुत खराब है। इसी तरह, 6 नवंबर को शहर में हवा की गुणवत्ता 215 AQI दर्ज की गई, जो फिर से बहुत खराब श्रेणी में है। शहर में AQI 2 नवंबर को खराब क्षेत्र में रहा।
शहर पराली के धुएं से घिरा हुआ है, जिससे रिहायशी इलाकों के लोगों में स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। हवा लगातार जहरीली होती जा रही है और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने की अपील की हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने राज्य सरकारों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। अदालत ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।