

लुधियाना(TES): पंजाब सरकार ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। बता दें, छोटे बच्चों को भी कितनी किताबों और सिलेबस का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनका बचपन मानों किताबों में ही दबा लगता है। मगर अब सरकार इनके लिए एक बड़ा कदम उठाने वाली है।
अगर सरकार की ये कोशिश कामयाब रही तो शैक्षणिक सत्र 2023-24 में पहली और दूसरी कक्षा के छात्र अपने बैग में केवल गणित और भाषा की किताबें व कॉपियां होंगी। बता दें, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रयास मुताबिक अब 3 से 8 साल तक के विद्यार्थियों का मूल्यांकन पारम्परिक परीक्षा के माध्यम से नहीं किया जाएगा।
इसके साथ दूसरी कक्षा से ही छात्रों को मातृभाषा पढ़ने को मिलेगी। सरकार के इस फैंसले से अध्यापकों के साथ बच्चों के अभिभावक भी खुश है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) के विशेषज्ञों राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस दोनों कक्षाओं का सिलेबस भी तैयार कर लिया है। अब शिक्षा मंत्रालय जल्द ही इनका सिलेबर जारी कर देगी। ऐसे में अब बच्चे नई कक्षा में इस सिलेबस के मुताबिक ही पढ़ाई करेंगे।
इसतरह अब बच्चे सिलेबस को याद करने के लिए रट्टा नहीं लगाएंगे। कम सिलेबस होगा तो वे उसे आसानी से याद कर पाएंगे। इसके साथ ही इन कक्षाओं के छात्रों का मूल्यांकन खेलकूद, वीडियो, म्यूजिक, कहानी बोलने-लिखने, व्यावहारिक ज्ञान आदि के आधार पर भी किया जाएगा।
अपनी भाषा को जान पाएंगे छात्रा
बता दें, 3 से 8 साल का बच्चा इस समय अधिक सीखता है। इसलिए भाषा विषय में उन्हें मातृभाषा भी पढ़ाई जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार, राज्य NCERT में तैयार सिलेबस की किताबों से या खुद किताब तैयार करवाकर बच्चों को पढ़ने को देंगे। इससे बच्चे बचपन से ही अपनी मातृभाषा को अच्छे से जान और सीख सकेंगे।
इसपर बात करते हुए अध्यापक गुरमीत सिंह सोढी का कहना है कि ये सरकार की ओर से एक अच्छी पहल की गई है। बीते कई समय से छात्रों की किताबों व सिलेबस के बोझ को कम करने को कहा जा रहा था। अब इस नई पहल के जरिए छात्र पढ़ने के साथ-साथ खेलकूद और अन्य गतिविधियों से भी सीख पाएंगे। इस नीति के तहत उनके ज्ञान में बेहद विकास होगा।