पंजाब (Exclusive): स्वतंत्रता संग्राम में अधिक से अधिक बलिदान देने वाले पंजाब की झांकियों को अगले साल 26 जनवरी 2024 की परेड सूची से हटा दिया गया है। 26 जनवरी की टेबलों में आपको पंजाब की एक भी झांकी नहीं दिखेगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब पर केंद्र सरकार के इस धक्के की कड़ी निंदा की है। बता दें कि पंजाब के अलावा दिल्ली को भी झांकी की सूची से बाहर कर दिया गया है। सीएम मान ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार पंजाब को धोखा दे रही है। हमें आज पत्र मिला है। 26 जनवरी को निकलने वाली परेड में पंजाब से पूछा गया कि क्या आपके राज्य से झांकी निकाली जाएगी?
सीएम मान ने कहा कि हमने इस बारे में 4 अगस्त 2023 को केंद्र सरकार को लिखा था कि हम अगले तीन साल के लिए यह झांकी लगाना चाहते हैं? हमसे तीन विकल्प पूछे गए तो हमने तीन प्रस्ताव तैयार किए। पहला- पंजाब के बलिदानों और शहादतों का इतिहास, माई भगोना- नारी सशक्तिकरण और पंजाब की समृद्ध विरासत और उसकी प्रस्तुति। हमने दो-दो डिजाइन भेजे और केंद्र सरकार के साथ तीन बैठकें भी हुईं।
सीएम ने कहा कि आज हमें केंद्र से एक पत्र मिल रहा है, जिसमें पंजाब और दिल्ली का नाम नहीं हैष केंद्र सरकार बीजेपी और 26 जनवरी और 15 अगस्त का भगवाकरण कर रही है और पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें दिखाई जा रही हैं। केंद्र सरकार की चर्चाएं भी ऐसी हैं कि जनता का ध्यान राष्ट्रगान से भी हट सकता है।
सीएम मान ने कहा कि भले ही केंद्र सरकार ने पंजाब की कुर्बानियों के इतिहास को नजरअंदाज और धोखा देते हुए झांकियों को खारिज कर दिया है। मगर, अब वे पंजाब में इन झांकियों को हटाएंगे और उन पर केंद्र द्वारा खारिज लिखा जाएगा। सीएम मान ने कहा कि पिछली बार भी केंद्र ने पंजाब के साथ धोखा करते हुए मेज नहीं दिखाई थी और अब फिर से ठीक ठाक कर दिया है। हम इस संबंध में विरोध स्वरूप केंद्र को पत्र भी लिखेंगे और मुलाकात भी करेंगे।
बता दें कि साल 2017 के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब पंजाब की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया गया है।साल 26 जनवरी 2023 की झांकी में केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया गया और पंजाब की झांकी को परेड में शामिल नहीं किया गया और दिल्ली की झांकी को भी सूची से बाहर कर दिया गया।