Friday, May 16, 2025
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1 मार्च से लगेंगे प्रीपेड बिजली के मीटर, करवाना होगा रीचार्ज

पंजाब (TES): पहले जिले में लगे मीटरों के बिल का पारंपरिक तरीके से भुगतान करना पड़ता था। मगर इसपर अक्सर लोग बिल देने में देरी कर देते थे। ऐसे में सरकार ने बिल के भुगतान की पेंडेंसी खत्म करने के लिए नए किस्म काम मीटर लगाने को कहा है। इसके मुताबिक अब जिले के सभी 1377 सरकारी स्कूलों में पावरकॉम प्रीपेड बिजली मीटर लगेंगे।

इस बारे में आज राज्य सरकार ने अनाधिकारिक लेटर जारी कर दिया है। उनका कहना है कि 1 मार्च से सभी सरकारी स्कूलो में प्रीपेड बिजली के मीटर लगेंगे। वहीं 31 मार्च तक पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों करे कनेक्शन लग जाएंगे। बता दें, प्रीपेड मीटर का भुगतान ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों के जरिए किया जा सकता है। ऑफलाइन में ग्राहक को रीचार्ज कूपन का कोड मोबाइल के कीपैड की तरह बटन जबाकर ही करना होगा।

वहीं ऑनलाइन में बिजली सप्लाई कंपनी के पोर्टल पर दर्ज करके बिजली मिलेगी। इसके साथ ही रीचार्ज कूपन में रकम में सभी रह के शुल्क होंगे।

फंड कहां से आएगा? सरकार ने नहीं जारी की कोई गाइडलाइंस

पावरकॉम और शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि जालंधर के 940 प्राइमरी, 164 मिडिल, 121 हाई स्कूल तथा 152 सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ये प्री-पेड मीटर लगेंगे। मीटर लगने के बाद इसमें कम से कम 1000 रुपए की रकम रीचार्ज की राशि रखनी अनिवार्य होगी। रीचार्ज की राशि शून्य होने पर बिजली की सप्लाई तुरंत पीछे के अपने आप बंद हो जाएगी।

बिजली विभाग ने की अपील

सभी सरकारी स्कूलों में मीटर प्री-पेड करना के लिए बिजली विभाग अपील कर रहा है। उन्होंने सभी स्कूलों को पत्र जारी किए है। मगर ऐसा करने पर स्कूलों में फंड्स की परेशानी आ रही है। इसके लिए पैरेंट्स-टीचर एसोसिएशन के माध्यम से रेगुलर फंड़्स जुटाने पड़ेंगे। ऐसे में ये लोगों के रिस्पांस पर भी निर्भर करता है।

सरकार ने फंड्स की उपलब्धता के लिए नहीं जारी किया गाइलाइंस लेटर

बता दें, कि मीटर रीचार्ज करने के लिए फंड्स की उपलब्धता के बारे में सरकार ने ओर से कोई गाइडलाइंस लेटर नहीं भेजा गया है। ऐसे में स्कूल स्टाफ के लिए ये चिंता का विषय बन गया है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा बिजली कनेक्शनों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के आदेश से सबसे खतरनाक स्थिति का सामना स्कूलों में करना होगा। असल में, सरकार द्वारा बिजली का बिल भरने के लिए पहले से रेगुलर फंड नहीं मिलता है।

वहीं गर्मी के मौसम में बिना बिजली, पंखे के नहीं रहा जा सकता है। पंजाब के कई स्कूलों के बिल को पंचायतें भरती है या आपस में रुपए इकट्ठे करके अध्यापक बिल का भुगतान करते हैं। ऐसे में जिन स्कूलों की देखरेख NRI सभाएं करती है, वे तो इस परेशानी से सुरक्षित रहेंगे। मगर जो स्कूल सरकार पर ही निर्भर हैं उन्हें समस्या आएगी।

 

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