

पटियाला(Exclusive) पंजाब में थर्मल प्लांटों (thermal plants)के पूरी क्षमता पर काम न करने और मानसून में देरी ने पावरकाम (powercom) व लोगों के समक्ष बिजली संकट (power crisis)खड़ा कर दिया है।
वीरवार को रूपनगर और लहरा मोहब्बत के एक-एक यूनिट के ब्वायलर में आए फाल्ट के कारण इन्हें बंद करना पड़ा। जिस कारण पंजाब के विभिन्न हिस्सों में लोगों को चार से छह घंटे तक पावर कट का सामना करना पड़ा।
तलवंडी साबो के निजी थर्मल प्लांट के दो यूनिटों के बंद होने के बाद वीरवार को अचानक रूपनगर और लहरा मोहब्बत के प्लाटों में आई खराबी के कारण बिजली संकट बढ़ गया। लगातार बढ़ती डिमांड के बीच पावरकाम को तुरंत बिजली खरीद के प्रबंध करने पड़े और 12.40 रुपये की दर से 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की खरीद करनी पड़ी, परंतु महंगी दर पर बिजली खरीदने के बावजूद पावरकाम रिहायशी व कामर्शियल क्षेत्र के उपभोक्ताओं को कट से निजात नहीं दिलवा पाया।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार पावरकाम को यही बिजली रूपनगर प्लांट से 6.06 रुपये प्रति यूनिट और लहरा मोहब्बत प्लांट से 6.65 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलती है। राज्य में बिजली संकट को लेकर पावरकाम के चेयरमैन कम मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर ए. वेणु प्रसाद ने कहा कि तलवंडी साबो के यूनिट बंद होने से बड़ा नुकसान हो रहा है।
मानसून की देरी भी हालात को और कठिन बना रही है। फिलहाल नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर ने ट्रांसमिशन क्षमता में 8,000 मेगावाट की बढ़ोतरी की छूट दी है। पावरकाम इस छूट का फायदा शाम छह बजे से सुबह नौ बजे के बीच ही ले पाएगा। दिन में बंद की गई रुपनगर प्लांट की यूनिट रात तक चालू नहीं हो पाई है, जबकि लहरा मोहब्बत की एक यूनिट के ब्वायलर में आई लीकेज को दूर करने के बाद शाम को चला दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ तलवंडी साबो दोनों खराब यूनिटों ने अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है और तीसरी यूनिट आधी क्षमता पर काम कर रही है। पावरकाम के सूत्रों के अनुसार वीरवार को पंजाब में मांग के मुकाबले बिजली की उपलब्धता करीब 2200 मेगावाट कम रही। जिस कारण रिहायशी और कामर्शियल क्षेत्र में दो से छह घंटे तक के बिजली कट लगाने पड़े।