

वास्तु और सूर्य के बीच अनोखा संबंध बताया जाता है इसलिए दिशाओं से जुड़े वास्तु सूर्य की गति को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। वास्तु के अनुसार, घर में सूर्य की रोशनी जितनी ज्यादा आती है , सकारात्मक ऊर्जा भी उतनी ही बढ़ती है। साथ ही इससे घर में सुख-शांति भी बनी रहती है। चलिए आपको बताते हैं कि सूर्य और वास्तु के कॉम्बिनेशन से घर में कैसे लाए सुख-शांति…
सुबह करे यह काम
माना जाता है कि जिन घरों में सुबह की धूप आती है वहां लोग बीमारियों से दूर रहते हैं इसलिए सुबह खिड़कियां व दरवाजे खुले रखने के लिए कहा जाता है।
इस दिशा में बनाएं पूजा घर
सूर्योदय से पहले सुबह 3 से 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। इस समय घर के उत्तर-पूर्व भाग में चिंतन-मनन और पूजा-पाठ अच्छा माना जाता है। ऐसे में पूजा घर ईशान कोण में बनाएं।
बेडरूम की सही दिशा
दोपहर 12 से 3 बजे सूर्य दक्षिण दिशा में होता है इसलिए बेडरूम इसी दिशा में बनवाएं। साथ ही कमरे में डार्क रंग के पर्दे लगाएं। कहा जाता है कि इस समय सूरज से खतरनाक पराबैंगनी किरणें निकलती हैं, इसलिए गहरे रंग के पर्दे लगाने से सेहत को कोई नुकसान नहीं होता।
डाइनिंग टेबल की सही दिशा
शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक का समय खाने, बैठने और पढ़ाई के लिए होता है इसलिए घर का पश्चिमी कोना डाइनिंग रूम या लिविंग रूम के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय सूर्य पश्चिम दिशा में होता है।
तांबे के सूर्य देव
वास्तु के अनुसार, घर में तांबे के सूर्य देव लगाना शुभ माना जाता है। घर या ऑफिस में सुख-समृद्धि पाने के लिए तांबे के सूर्य देव को पूर्व दिशा में लगाएं।