दिल्ली (Exclusive): भारत में कम हो रहे कोरोनावायरस के मामलों के बीच रोजाना कोई न कोई राहत भरी खबर सामने आ रही है। जो कि इस महामारी के संकट में अच्छे संकेत दे रहे हैं। ऐसे ही एक और बेहद शुभ खबर सामने आई है जो देश के लिए बहुत अच्छी है।
जी हां मिली जानकारी के अनुसार भारत के सर्वोच्च मेडिकल संस्थान ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) द्वारा की गई एक स्टडी में सामने आया है कि अप्रैल-मई में वैक्सीन लगवा चुके जिन लोगों को दोबारा कोरोना ने अपनी चपेट में लिया लेकिन उनमें किसी की भी जान नहीं रही है।
जी हां सीधे शब्दों में कहें तो करो ना वैक्सीन लगवा चुके लोगों के बीच मौतों का आंकड़ा बेहद कम या शून्य के बराबर है।अगर इस आंकड़े को आपको और भी सरल तरीके से समझाएं तो अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) का कहना है कि अगर कोई दोनों डोज लगवाने के बाद संक्रमित होता है तो फिर उसे ब्रेकथ्रू इंफेक्शन कहते हैं।
ऐसे में जब इस ब्रेकथ्रू इंफेक्शन की स्टडी भारत में की गई तो जनवरी से लेकर मार्च तक पहली डोर लगाने वाले लोग भी कोरोना कि दूसरी लहर में संक्रमित हो गए। लेकिन राहत की बात यह रही कि उनमें मौतों का आंकड़ा बेहद कम था। यानी कि अपनी पहली करो ना दोस्त लगवा चुके लोगों में मौतों का खतरा बेहद कम था। दूसरी लहर में उन लोगों को ही इस वायरस ने अपनी चपेट में लिया जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।
ऐसे में अगर आप भी अब तक व्यक्ति नहीं लगवा रहे हैं या नहीं लगवाए तो जल्द से जल्द अपने नजदीकी डॉक्टर या हेल्थ वर्कर से परामर्श लें। इसी के साथ आपको बता दें कि भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया का चरण तेजी के साथ जा रही है उसी का नतीजा है कि भारत में कोरोनावायरस अब कम होता दिखाई दे रहा है।