

दिल्ली (Exclusive): Digitalization के बाद से ही ऑनलाइन सामान खरीदने का क्रेज बेहद बढ़ गया है। इतना ही नहीं कोरोनावायरस के कारण लगाए लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन शॉपिंग होम डिलीवरी आदि की अहमियत और बढ़ गई है। लोग बाहर जाने जाने से बचने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग को ही अहमियत दे रहे हैं।
अब तो इंटरनेट से आप ग्रोसरी से लेकर किसी भी तरह के घरेलू सामान को मंगवा सकती हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कई तरह की बंपर छूट और स्पेशल ऑफर भी लेकर आते हैं। लेकिन अब सरकार की पैनी नजर इन पर पड़ गई है।
सरकार की तरफ से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर गलत एवं भारी छूट के साथ धोखाधड़ी वाली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक सुझाव आमंत्रित किया गया है। इसी के साथ सरकार की तरफ से डीपीआईआईटी के साथ इन कंपनियों का पंजीकरण अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखते हुए उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में संशोधन करने के लिए सुझाव आमंत्रित किया हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इ-कॉमर्स कंपनियां कंपनी अधिनियम, भारतीय भागीदारी अधिनियम या सीमित देयता भागीदारी अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं लेकिन अब डीपीआईआईटी के साथ इनको पंजीकृत करने का सुझाव पेश किया गया है।
सरकार की तरफ से साफ कहा गया है कि पारंपरिक तरीके से मिलने वाली छूट पर कोई पाबंदी नहीं होगी इसकी जगह बार-बार फ्लैश, सामानों की अधिक कीमत बढ़ाकर करने वाली सेल आदि पर अब नजर रखी जाएगी।
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