

हिंदू धर्म में शनिवार को शनिदेव का दिन माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र हैं। शनि का नाम सुनते ही कष्ट, हानि, अशुभता जैसी आम धारणाएं सामने आ जाती हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि शास्त्रों में शनिदेव को न्यायधीश कहा गया है। यदि कोई व्यक्ति नीति के विरुद्ध गलत कार्य करता है तो शनिदेव उसे निर्दयतापूर्वक दंड देते हैं। शनि का संबंध कर्म से है। उनकी कृपा के बिना कोई भी व्यक्ति आजीविका नहीं कमा सकता।
शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?
– शनिदेव उन लोगों से प्रसन्न होते हैं जो सत्य बोलते थे और अनुशासित जीवन जीते थे।
– जो लोग कमजोर लोगों की मदद करते हैं वे शनि को प्रिय होते हैं।
– जो लोग बुजुर्गों की सेवा करते हैं वे भी शनि को प्रसन्न करते हैं।
– जो लोग भगवान शिव और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं उनसे शनि भी प्रसन्न रहते हैं।
शनिवार के दिन भूलकर भी न खरीदें ये चीजें
लोहा
शास्त्रों के अनुसार एक बार राजा विक्रमादित्य ने शनिदेव को लोहे का सिंहासन दे दिया था, जिससे शनिदेव क्रोधित हो गए और उन पर अपनी दृष्टि डाल दी। तभी से यह माना जाता है कि शनिवार के दिन लोहा खरीदना अशुभ होता है।
चमड़ा
इस दिन चमड़े से बनी चीजें जैसे बेल्ट, पर्स आदि नहीं खरीदनी चाहिए। ऐसा करने से सफलता में बाधा आती है।
तेल
इस दिन किसी भी प्रकार का तेल घर में नहीं लाना चाहिए। शनिवार के दिन घर में तेल लाने से घर में क्लेश या बीमारी आ सकती है, वहीं इस दिन शनि पर तेल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं।
कोयला
इस दिन घर में कोयला लाना वर्जित है। कोयले का रंग काला होता है इसलिए माना जाता है कि इसे घर में लाने का मतलब है कि आप शनि का रूप अपने घर ला रहे हैं। इसके अलावा, यह एक प्रकार का ईंधन है। घर में ईंधन नहीं लाना चाहिए, इससे तनाव पैदा होता है।
झाड़ू
इस दिन झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए। शनिवार के दिन लाई गई झाड़ू घर के धन को नुकसान पहुंचाती है।
काले तिल
इस दिन काले तिल खरीदना वर्जित माना जाता है। शनि की दशा में काले तिल के दान का बहुत महत्व है, लेकिन शनिवार के दिन काले तिल लाना शनि के आगमन के बराबर माना जाता है।
नमक
इस दिन नमक खरीदने से भी बचना चाहिए। शनिवार को खरीदा गया नमक घर में बीमारी ला सकता है।