

नई दिल्ली (TES): गृह मंत्रालय से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा हैं कि पीएम नरेद्र मोदी के के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक जहां पहले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों की भर्ती के लिए उम्मीदवारों को हिंदी व अंग्रेजी में लिखित प्रश्न पत्र मिलते थे। मगर अब इसमें बदलाव करने का फैसला लिया गया है।
इन भाषाओं को मिली मंजूरी
पीएम नरेद्र मोदी के के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह ने सीएपीएफ में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों के लिए हिंदी व अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने का ऐलान कर दिया है। यहां आपको बता दें कि अब ये प्रश्नपत्र असमिया, बांग्ला, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में भी छपाई जाएंगे। ऐसे में अब इन राज्यों के उम्मीदवारों को परीक्षा देने में आसानी हो पाएगी।
इसलिए लिया ये फैसला
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक शाह ने सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की संख्या बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इसके प्रश्न पत्र को हिंदी व अंग्रेजी के अलावा अन्य 13 भाषाओं में छपाने का फैसला किया है। बता दें, सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) आदि शामिल होते हैं।
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने किया था ये अनुरोध
बता दें, इस फैसले से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन एक पत्र द्वारा अमित शाह को सीआरपीएफ कर्मियों की भर्ती के लिए तमिल भाषा का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया था।