नई दिल्ली (Exclusive) पति-पत्नी के बीच प्रेम और भरोसा होना जरूरी होता है। इन्हीं दो चीजों पर यह रिश्ता जीवनभर टिका रहता है। अपने साथ और सहयोग से पति-पत्नी अपने वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाते हैं।
शास्त्रों में करवा चौथ के अलावा भी कुछ ऐसे व्रतों का वर्णन किया गया है जो पति-पत्नी के बीच प्रेम और सौभाग्य बढ़ाते हैं। इन व्रतों के प्रभाव न केवल वैवाहिक सुखद बल्कि घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है। जानिए इनके बारे में-
1अशून्य शयन व्रत-हिंदू पंचांग के अनुसार, अशून्य शयन व्रत चातुर्मास की द्वितीया तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत के प्रभाव से पति-पत्नी के बीच दूरियां कम और घर में सुख-शांति आने की मान्यता है।
2.मंगला गौरी व्रत-मंगला गौरी व्रत माता पार्वती को समर्पित होता है। इस व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है। जिस तरह से सावन के सोमवार को भगवान शंकर की पूजा की जाती है, उसी तरह से सावन के मंगलवार को माता पार्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि माता पार्वती की कृपा से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
3. करवा चौथ– करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। यह व्रत पत्नी अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला रखती है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं।
4. वट सावित्री व्रत-ज्येष्ठ मास के अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत के प्रभाव से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलने की मान्यता है। वट सावित्री व्रत में वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है।
5.वैभव लक्ष्मी व्रत-वैभव लक्ष्मी व्रत माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को पति-पत्नी एक साथ भी रख सकते हैं।मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन मजबूत होता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।