Monday, February 24, 2025
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सावन महीने में जरूर करें इस चमत्कारी मंत्र का जाप, भोलेनाथ हो जाएंगे प्रसन्न

भगवान शिव को सभी देवताओं में सर्वोच्च माना जाता है। इन्हें काल का महाकाल कहा जाता है। इनकी कृपा से मनुष्य का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। भगवान शिव के पास कई चमत्कारी मंत्र हैं। इन्हीं में से एक है महामृत्युंजय मंत्र। यह मंत्र बहुत शक्तिशाली माना जाता है। मान्यता के अनुसार, इस मंत्र का 108 बार जाप करने से बड़े से बड़े असाध्य रोग भी टल जाते हैं। वहीं, पौराणिक मान्यता है कि इसके जाप से मृत्यु का खतरा टल जाता है। आइए जानते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र को इतना प्रभावशाली क्यों माना गया है और इस महामंत्र की रचना कैसे हुई।

महामृत्युंजय मंत्रः-

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

महामृत्युंजय मंत्र के फायदे

– लंबी उम्र के लिए नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भय और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।
– शास्त्रों के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को गंभीर बीमारियां नहीं फटकती हैं। इस मंत्र के जाप से सभी रोग नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
– जो शिव भक्त नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है, उसे समाज में पद, प्रतिष्ठा, सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है।
– महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से संतान की प्राप्ति होती है। व्यक्ति कभी भी संतान सुख से वंचित नहीं रहता है।
-इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा में काफी वृद्धि होती है, जिससे रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इससे आर्थिक स्थिति और पारिवारिक सुख में वृद्धि हो सकती है।

महामृत्युंजय मंत्र जप विधि

शास्त्रों के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप करना चाहिए। साथ ही भोलेनाथ के लघु मृत्युंजय मंत्र का 11 लाख बार जाप किया जाता है। सावन के महीने में इस मंत्र का जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है। वैसे यदि आप इस मंत्र का जाप अन्य महीनों में करना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत सोमवार से करनी चाहिए। इस मंत्र के जाप में रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें। ध्यान रखें कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप दोपहर 12 बजे के बाद न करें। मंत्र जाप पूरा होने के बाद हवन करना सर्वोत्तम माना जाता है।

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