

जालंधर (TE): ओड़िसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर से हिंदू धर्म की आस्था जुड़ी है। इसे चार धाम में से एक माना गया है। मान्यता है कि यहां पर भगवान श्रीकृष्ण का दिल विराजमान है।
वे मंदिर में अपने भाई व बहन के साथ विराजमान है। वहीं हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पुरी में भगवान जी की उनके भाई व बहन के साथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है।
यह यात्रा बेहद ही भव्य होती है। ऐसे में इसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। बता दें, रथ यात्रा का उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है। पूरी के साथ अन्य शहरों में भी जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस यात्रा में शामिल होने से सालभर भक्त पर भगवान की कृपा रहती है। चलिए आज हम आपको जगन्नाथ पुरी की यात्रा का समय, तिथि व महत्व विस्तार से बताते हैं…
रथ यात्रा की तिथि व समय
आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया आरंभ- 19 जून 2023, सुबह 11.25 मिनट पर
आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया समापन- 20 जून 2023, दोपहर 01.07 मिनट तक
रथ यात्रा 20 जून 2023 को निकाली जाएगी।
रथ यात्रा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलभद्र जी और बहन देवी सुभद्रा के साथ रथ यात्रा करते हैं। वे रथ में बैठकर अपनी मौसी के यहां गुंडिचा मंदिर में जाते हैं। कहा जाता है कि गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ जी के मौसी का निवास स्थान यानी घर है। वहां तीनों भाई-बहन करीब 7 दिनों तक रहते हैं। फिर आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को उन्हें मंदिर में वापस स्थापित कर दिया जाता है।
मान्यता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से सभी परेशानियों का अंत हो जाता है। वहीं भगवान के इस रथ को खींचने वाले को 100 यज्ञ करने के बराबर का पुण्य फल मिलता है।