सूरत: वो कहते हैं न ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोय’ ये पंक्ति गुजरात के सूरत से सच होकर सामने आई है। दरअसल, एक बच्चा लहरों में खो गया था। परिवार की उम्मीदें जवाब दे गई थीं, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को हैरान करके रख दिया।
दरअसल, गणेश विसर्जन के दूसरे दिन सूरत शहर के दुम्मस बीच पर 13 वर्षीय बच्चा अपने परिवार के साथ घूमने गया था। इस दौरान वह समंदर में नहाने के लिए उतरा और डूब गया। परिवार वालों ने मदद के लिए चीख पुकार मचाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इसके बाद परिवार बच्चे को मरा हुआ समझकर वहां से चला गया। लेकिन कहते हैं भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। परिवार के लिए उस समय खुशी की खबर आई जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा लखन देवीपूजक 24 घंटे समंदर में रहने के बाद भी जीवित है।
लखन को समंदर में डूबने से भगवान श्री गणेश की प्रतिमा ने बचाया, जो उसका सहारा बनी। वह 24 घंटे से अधिक के समय तक उसमें बैठ तैरता रहा। बच्चे के जीवित होने की आस छोड़ चुके परिवार के लिए यह खबर किसी चमत्कार से कम नहीं है।