

लीबिया (Exclusive): भूमध्यसागरीय तूफान डेनियल के कारण हुई भारी बारिश के कारण पिछले सप्ताह पूर्वी लीबिया के डर्ना शहर में विनाशकारी बाढ़ आ गई। बाढ़ ने दो बांधों को तबाह कर दिया, जिससे डर्ना के केंद्र में कई मीटर ऊंची पानी की दीवार बन गई, जिससे पूरे पड़ोस नष्ट हो गए और लोग समुद्र में बह गए।
बांध टूटने से किस कद्र तबाही मच सकती है, उसका अंदाजा डर्ना शहर को देखकर लगाया जा सकता है। लीबियन रेड क्रिसेंट के अनुसार, 10,000 से अधिक लोग लापता हैं जबकि 40 हजार लोगों के मारे जाने की आशंका है। रेस्क्यू टीम्स 6 दिन बाद भी कीचड़ और खोखली इमारतों में खुदाई कर रहे हैं, शवों और संभावित जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं।
लीबिया की माडिया ने बताया कि मिट्टी और मलबे से निकलने वाले शव सड़ते-गलते जा रहे हैं। वहीं, अब यहां बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। विदेशी मीडिया इसे किसी परमाणु बम हमले की तरह मान रही है। सवा लाख की आबादी वाला डर्ना शहर देखते ही देखते पानी में बह गया। अब यहां सिवाए टूट-फूटी इमारतें, कीचड़, मलवे और लाशों के अलावा कुछ नहीं बचा।
गौरतलब है कि यूगोस्लाविया की कंपनी ने डर्ना में 1970 में दो बांध बनवाए थे, जिसमें से पहला 75 मीटर और दूसरा 45 मीटर ऊंचा था। इनमें 1.80 करोड़ क्यूबिक मीटर और 15 लाख क्यूबिक मीटर पानी यानि करीब 2 करोड़ टन पानी जमा था। इसी डैम के नीचे डर्ना शहर बसा था, जोकि अब तबाह हो चुका है।
हालांकि ये डैम खाली थे और पिछले 20 सालों से इनकी देखभाल नहीं की जा रही थी। डैनियल तूफान लगातार एक हफ्ते तक बरसता रहा। तूफान के कारण इनमें इतना पानी भर गया कि पुराने और कमजोर बांध परमाणु बम की तरह ब्लास्ट हो गए। ओवरफ्लो पानी को निकालने के लिए इसमें ग्लोरी होल भी बनाया गया था लेकिन इसमें लकड़ियां फंस चुकी थी। किसी ने मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया और इस एक गलती के कारण बांध के नीचे बसे खूबसूरत डर्ना शहर बर्बाद हो गया।