Friday, February 7, 2025
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पढ़े, किस मामले में दिवंगत बाबा प्यारा सिंह भनियारांवाला सहित सभी आरोपित अदालत से बरी

रूपनगर (Exclusive) रूपनगर के अंतर्गत पड़ते सर्व धर्म सत्कार तीर्थ (all religious pilgrimage) डेरा भनियारांवाला धमाना (Dera Bhaniyaranwala Dhamana) के संस्थापक प्रमुख बाबा प्यारा सिंह (Baba Pyara Singh)सहित अन्य सभी आरोपियों को अंबाला के अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज की अदालत द्वारा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी वाले मामले में बरी कर दिया गया है। इस तीर्थ के संस्थापक बाबा प्यारा सिंह जी का हालांकि निधन हो चुका है। फिर भी अदालत का फैसला आने के बाद यहां वर्तमान तीर्थ प्रमुख बाबा सतनाम सिंह को बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि रूपनगर जिले के गांव रतनगढ़ में अग्निभेंट किए गए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के मामले में 17 सितंबर 2001 को तीर्थ प्रमुख एवं संस्थापक बाबा प्यारा सिंह भनियारांवाला सहित कुल 13 आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 295 ए, 153 व 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।

गांव रतनगढ़ के तत्कालीन सरपंच मेजर सिंह के ब्याणों पर मामला दर्ज किए जाने के बाद इस मामले की सुनवाई रूपनगर की अदालत में शुरू हुई थी, लेकिन कुछ समय बाद बाबा प्यारा सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में अपील दायर करते हुए मामले की सुनवाई हरियाणा में स्थानांतरित किए जाने की गुहार लगाई थी।

इसे मंजूर करते हुए बेअदबी के इस मामले की सुनवाई अंबाला की अदालत में स्थानांतरित किए जाने के आदेश जारी कर दिए थे। वर्ष 2013 में अंबाला की निचली अदालत ने बेअदबी के इस मामले में बाबा सहित आरोपितों को तीन-तीन साल की सजा सुना दी थी, जिसके बाद बाबा प्यारा सिंह ने जिला एवं सेशन जज की अदालत में अपील डाली।

जिसे स्वीकार किए जाने के बाद बेअदबी के इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज अंबाला की अदालत में शुरू हुई, जो कि लगातार आठ साल चली, जबकि अब अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज संदीप सिंह ने फैसला सुनाते हुए बाबा प्यारा सिंह भनियारांवाली (स्वर्गीय) सहित अन्य सारे आरोपितों को बरी कर दिया है।

अंबाला की अदालत का फैसला आने के बाद जब वर्तमान तीर्थ प्रमुख बाबा सतनाम सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 20 साल बाद सच की जीत होने व झूठ की हार होने के साथ उन्हें व तीर्थ के सारे सेवादारों एवं संगतों को इंसाफ मिला है।

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