Friday, November 15, 2024
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चीन में फैले BF.7 वैरिएंट से सहमी दुनिया, इन 6 सवालों से जानें सबकुछ

जालंधर (TES): चीन में कोरोना वायरस ने दोबारा कहर मचा दिया है। लोगों के इलाज करने के लिए दवाओं की कमी भी हो गई है। वहीं दूसरी ओर सामूूहिक संस्कार करने पड़ रहे हैं। एक्सपर्ट अनुसार, इसके तेजी से फैलने का कारण ओमिक्रॉन का वैरिएंट BF.7 है। WHO के अधिकारियों ने इसे अब तक का सबसे तेज फैलने वाला वैरिएंट माना है।

ऐसे में आज हम आपके लिए चीन में कोहराम मचा रहे कोरोना के BF.7 सब-वैरिएंट से जुड़े खास 6 सवाल व उनके जवाब लेकर आए हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में…

प्रश्न 1- चीन में तबाही मचाने वाला ओमिक्रॉन का वैरिएंट BF.7 आखिर है क्या?

उत्तर- ओमिक्रॉन, कोरोना वायरस का ही एक वैरिएंड है। आगे इसके BA.1, BA.2, BA.5 आदि सब वैरिएंट्स हैं। इसका एक लेटेस्ट सब वैरिएंटॉ BA.5.2.1.7 है जिसे शॉर्ट में BF.7 कहा जा रहा है। बात BF.7 वैरिएंट की करें तो यह कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बनता है। इसका नाम R346T है। एक्सपर्ट्स अनुसार, इसी म्यूटेशन के कारण इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं हो रहा।

दरअसल, अगर किसी को पहले से कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवा ली है तो उस व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। वहीं BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को चकमा देकर बॉडी में जाने को सक्षम है। चीन में दोबारा से फैले कोरोना वायरस के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार इस वैरिएंट को ही माना गया है। एक्सपर्ट अनुसार, यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम से बचकर निकल जाता है। ऐसे में एक व्यक्ति का इसकी चपेट में आने से ही यह तेजी से अन्य में फैलने लगता है।

प्रश्न 2- कोरोना के बाकी वैरिएंड की तुलना BF.7 का R0 कितना है? यानी इससे संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों को अपना शिकार कर सकता है?

उत्तर- सबसे पहले बता दें कि BF.7 की R0 वैल्यू 10 से 18.6 है। ऐसे में इस वायरस से संक्रमित एक शख्स 10 से 18 लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है। WHO के अधिकारियों का कहना है कि ये अब तक के सभी वैरिएंट में सबसे ज्यादा तेज है। इससे पहले आई डेल्टा की R0 वैल्यू 6-7 और अल्फा की 4-5 थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनों में चीन के करीब 80 करोड़ लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं।

लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी मुताबिक, चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें होने की आशंका है। वहीं अमेरिकी साइंटिस्ट एरिक फेगल-डिंग ने चेतावनी दी है कि 90 दिन में चीन की 60% आबादी यानी लगभग 80 करोड़ लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। दूसरी ओर चीन में BF.7 की R0 वैल्यू ज्यादा होने का कारण इनकी कमजोर इम्यूनिटी भी जिम्मेदार हो सकती है।

प्रश्न 3- कोरोना के बाकी वैरिएंट की तुलना में BF.7 वैरिएंट से संक्रमित लोगों की डेथ रेट आखिर कितनी है?

उत्तर- चीन के बीजिंग में कोरोना का BF.7 वैरिएंट तेजी से बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी साइंटिस्ट एरिक फेगल-डिंग का कहना है कि चीन मौत के आंकड़ों को छुपा रहा है। इसके अलावा चीन केवल सांस से संबंधित बीमारी और निमोनिया से होने वाली मौतों को ही कोरोना से जोड़ रहा है। बता दें, 19 दिसंबर को चीन में कोरोना से 7 लोगों की मौत होने का पता चला था। मगर बीजिंग के श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे हैं। दूसरी और कई शहरों में अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच चुकी है। ऐसे में असली व सही डेथ रेट पता करना मुश्किल है।

नेचर डॉट कॉम वेबसाइट ने दो अलग-अलग रिसर्च के हवाले देते हुए कहा कि BF.7 वैरिएंट से चीन में कितने लोग मौत का शिकार हो सकते हैं….

यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स, सिडनी के प्रोफेसर जेम्स वुड का अनुमान है कि चीन में अगले कुछ महीनों में कोरोना के नए वैरिएंट से 10 लाख से अधिक लोग अपनी जान गवां देंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन ने अपनी रिसर्च के आधार पर कहा है कि 2023 के अंत तक चीन की 16 लाख आबादी कम हो जाएगी। इसके अलावा मार्च 2023 में हर रोज 9 हजार लोगों के मौत की आशंका है।

ऐसे में डेल्टा वैरिएंट से भारत में जितने लोगों की मौत एक दिन में हो रही थी उतनी ही मौतें चीन में BF.7 से होने की आशंका है। बता दें, 10 जून 2021 को दूसरी डेल्टा की लहर पीक पर होने से देश में हर रोज औसतन 6 हजार लोगों की मौत हो रही थी। मगर चीन में इस वैरिएंट से अधिक मौतें हो सकती हैं।

प्रश्न 4- BF.7 वैरिएंट कहां से आया और दुनिया के किन देशों तक फैल चुका है?

उत्तर- बता दें, BF.7 वैरिएंट का पहला मामला चीन के इनर मंगोलिया प्रांत से आया था। अब तक यह भयानक वायरस भारत, अमेरिका, यूके, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क समेत कई यूरोपीय देशों को अपना शिकार बना चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया का कहना है कि कोरोना का खतरनाक चीनी वैरिएंट BF-7 सितंबर महीने में ही भारत पहुंच चुका है। वडोदरा में आई एक NRI महिला में इसके लक्षण देखने में आए थे। महिला अमेरिका से वडोदरा पहुंची थी। महिला के संपर्क में आए 2 अन्य लोगों की भी जांच की गई थी, मगर वे इसका शिकार नहीं हुए थे। बाद में महिला भी एकदम स्वस्थ हो गई थी।

इसके अलावा इसके 2 केस अहमदाबाद और ओडिशा में भी आए थे। दूसरी ओर अमेरिका में 10 दिसंबर तक BF.7 वैरिएंट के 5.7% केस थे। बता दें, कुल कोरोना केसों में बेल्जियम में 25% जबकि फ्रांस और जर्मनी में 10% केस इस वैरिएंट के ही थे। जॉन हॉपकिन्स डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. स्टुअर्ट रे का दावा है कि ये वैरिएंट स्पाइक प्रोटीन में बदलाव के कारण पैदा हुआ है। इसके कारण वायरस आसानी से कोशिकाओं में घुसकर तेजी से संक्रमण फैल रहा है।

सवाल5- BF.7 वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति में कौन से लक्षण नजर आते हैं?

उत्तर- BF.7 के लक्षण भी ओमिक्रॉन के पहले मिले वैरिएंट्स के लक्षण की तरह है। यह वैरिएंट व्यक्ति के श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को तेजी से प्रभावित करता है। यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए काफी घातक होता है यानी उस व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। बुखार, थकान, गले में खराश, लगातार खांसी, नाक बहना, पेट दर्द, कंपकंपी, उल्टी, दस्त आदि होना आदि इसके मुख्य लक्षण है।

प्रश्न 6- BF.7 वैरिएंट पर कोविड वैक्सीन कितना असर करती है?

उत्तर- इन्फेक्शन डिजीज स्पेशलिस्ट और एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद की प्रमुख डॉक्टर चारू दत्त अरोड़ा का कहना है कि BF.7 वैरिएंट कोरोना के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बनता है। इसका नाम R346T है। इसी म्यूटेशन के कारण वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं हो पाता है। इसके साथ ही BF.7 और अन्य नए वैरिएंट का आना चिंताजनक है। मगर टीकाकरण अभी भी सबसे अच्छा व बड़ा हथियार माना जा सकता है।

बता दें, ब्रिटेन ने कुछ समय पहले ही मॉडर्ना की वैक्सीन बायवैलेंट बूस्टर्स को मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन कोरोना के ओरिजिनल वायरस के साथ ही ओमिक्रॉन के सभी वैरिएंट को मारने में अच्छी मानी गई है।

 

 

 

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