रक्षा बंधन का हिंदूओं का प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे भाई-बहन के प्यार और सम्मान का प्रतिक माना जाता है। रक्षा बंधन शब्द का तात्पर्य सुरक्षा के बंधन से है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं। वहीं, भाई भी अपनी बहनों को रक्षा का वचन देता है। मगर भाई को राखी बांधते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है और आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताएंगे…
राखी के लिए आर्टिफिशियल चीजों से बचें
मान्यता है कि राखी पर कोई भी आर्टिफिशियल चीज नहीं लगी होनी चाहिए। साथ ही राखी हमेशा रेशम या सूती धागे की बनी होनी चाहिए लेकिन प्लास्टिक की राखी न खरीदें। आप चाहे तो चांदी, सोने आदि सामग्री से बनी राखी चुन सकते हैं।
राखी के रंग और डिज़ाइन
भाई के लिए कभी भी काले रंग की राखी ना चुनें। इसकी बजाए शुभ रंग जैसे नारंगी, पीला और लाल रंग की राखी ही खरीदें। साथ ही ध्यान रखें कि राखी में शुभ चिन्ह जैसे स्वास्तिक, शुभ-लाभ, ॐ आदि हो।
किस दिशा की ओर मुख करें?
भाई की कलाई पर राखी बांधते समय उसका मुख पूर्व दिशा की ओर हो क्योंकि यह दिशा शुभ मानी जाती है।
रक्षाबंधन उपहार के लिए वास्तु टिप्स
परंपरा के अनुसार, राखी बंधवाने के बाद भाई बहन को उपहार देता है। वास्तु के अनुसार, उन्हें कोई भी कांटेदार या नुकीली चीज गिफ्ट नहीं करनी चाहिए।
इस बात का भी रखें ध्यान
रक्षाबंधन के बाद राखी को इधर-उधर उतारकर न रखें। इससे रिश्तों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसकी बजाए राखी को लाल कपड़े में रख लें और फिर जल में प्रवाहित कर दें।