

बृहस्पति, जिसे संस्कृत में गुरु या बृहस्पति के नाम से जाना जाता है, रचनात्मकता, व्यापक ऊर्जा, भाग्य, करुणा, आशावाद और समृद्धि से जुड़ा है। गुरु सौभाग्य का अग्रदूत है और वित्तीय सफलता और अप्रत्याशित आशीर्वाद के सूचक के रूप में भी कार्य करता है।
वैदिक ज्योतिष में, गुरु को व्यापक रूप से एक शक्तिशाली और शुभ ग्रह माना जाता है, जो उन लोगों को सम्मान, प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा प्रदान करता है जिनकी कुंडली में इसकी कृपा होती है। ऐसा माना जाता है कि गुरु की अनुकूल स्थिति किसी के वैवाहिक जीवन में बहुत खुशी और समृद्धि ला सकती है।
गुरु को शिक्षा, भाग्य, धन, विवाह और धर्म का प्रभावशाली कारक माना जाता है। जैसे ही यह राशि चक्र की परिक्रमा करता है, गुरु प्रत्येक राशि में लगभग एक वर्ष बिताता है, इस प्रकार परिक्रमा को पूरा करने में बारह वर्ष लगते हैं।
वर्ष 2024 में गुरु मार्गी और वक्री होंगे। अब 3 फरवरी यानि देवगुरु बृहस्पति का गोचर शुक्र के भरणी नक्षत्र में आए हैं। ऐसे में देवगुरु बृहस्पति भरणी नक्षत्र के गुण भी अपने अंदर समाहित कर लेंगे। यह नक्षत्र विरासत देने वाला भी होता है।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन शुभ होगा और इन्हें करियर व कारोबार में सफलता मिलेगा। इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।
मिथुन राशि
गुरु के नक्षत्र परिवर्तन से मिथुन राशि के जातकों को भी व्यापार में मुनाफा होगा। आय के नए-नए स्त्रोत बन सकते हैं और आर्थिक स्थिति व स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन धन लाभ के अवसर लाएगा। इसके अलावा बेरोजगारों को नौकरी मिलेगी।
सिंह राशि
गुरु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन सिंह राशि के जातकों के लिए प्रमोशन और इंक्रीमेंट का अवसर ला सकता है। किसी मांगलिक और धार्मिक कार्यक्रम में भी आप शामिल हो सकते हैं।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए गुरु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन फायदेमंद साबित हो सकता है। बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है। साथ ही कारोबारी को भी काफी फायदा होगा।